नीलकंठ महादेव

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समुद्र मंथन के समय भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष ग्रहण किया गया था। उनकी पत्नी, पार्वती ने उनका गला दबाया जिससे कि विष उनके पेट तक नहीं पहुंचे। इस तरह, विष उनके गले में बना रहा। विषपान के बाद विष के प्रभाव से उनका गला नीला पड़ गया था और उन्हें नीलकंठ नाम से जाना गया था।

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