अष्टमी
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- सूर्य से चन्द्र का अन्तर जब 85° से 96° तक होता है, तब शुक्ल पक्ष की अष्टमी और 265° से 276° तक कृष्ण अष्टमी रहती है।
- अष्टमी ‘अठमी, अट्ठमी तथा आठें’ भी कहलाती है।
- इस चन्द्र तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं। यह ‘जया’ संज्ञक तिथि है, जिसका अर्थ है- जीत कराने वाली। अष्टमी का विशेष नाम ‘कलावती’ है।
- मंगलवार को पड़ने वाली अष्टमी सिद्धिदा और बुधवार को पड़ने वाली मृत्युदा होती है।
- चैत्र मास में अष्टमी तिथि शून्य होती है।
- अष्टमी की दिशा ईशान है।
- कृष्ण पक्ष की अष्टमी में शिव पूजन शुभ होती है। शुक्ल पक्ष की अष्टमी में शिव पूजन निषिद्ध है।
- चन्द्रमा की इस आठवीं कला का पान 'अजैकपात' नामक देवता करते हैं।
- विशेष – अष्टमी तिथि शनि ग्रह की जन्म तिथि है। इसलिये शुभ कार्यों में वर्जित रहती है।
संग्रामयोग्याखिलवास्तुकर्म नृत्यप्रमोदाखिललेखनानि।
स्त्रीरत्नकार्याखिलभूषणानि कार्याणि महेशतिथ्याम्।।
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