पुलिंद जाति
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पुलिंद जाति के विषय में यह माना जाता है कि यह जाति मूलत: तिब्बत की रहने वाली थी और कालांतर में भारत में आकर बस गई थी। पुलिंदों के देश का वर्णन पाण्डवों की गंधमादन पर्वत की यात्रा के प्रसंग में आया है।
- मौर्य सम्राट अशोक के शिलालेख तैरह में 'पारिंदों' का उल्लेख हुआ है।
- कुछ विद्वानों के अनुसार पुलिंद ही पारिंद हैं।
- दूसरी ओर डॉक्टर भंडारकर के मत में पारिंद, वरेंद्र (बंगाल) के निवासी थे।
- पुराणों में पुलिंदों का विंध्याचल में निवास करने वाली अन्य जातियों के साथ वर्णन है-
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