अग्नि की उड़ान -अब्दुल कलाम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:22, 16 नवम्बर 2014 का अवतरण (Text replace - " जिक्र" to " ज़िक्र")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
अग्नि की उड़ान -अब्दुल कलाम
'अग्नि की उड़ान' का आवरण पृष्ठ
'अग्नि की उड़ान' का आवरण पृष्ठ
लेखक ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तथा अरुण तिवारी
मूल शीर्षक 'अग्नि की उड़ान'
प्रकाशक प्रभात प्रकाशन
प्रकाशन तिथि 20 मई, 2005
ISBN 81-7315-293-4
देश भारत
भाषा हिन्दी
पुस्तक क्रमांक 1661
टिप्पणी पुस्तक 'अग्नि की उड़ान' 'डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम' के जीवन की ही कहानी नहीं, बल्कि यह डॉ. कलाम के स्वयं की ऊपर उठने और उनके व्यक्तित्व एवं पेशेवर संघर्षों की कहानी के साथ 'अग्नि', 'पृथ्वी', 'त्रिशूल' और 'नाग' मिसाइलों के विकास की भी कहानी हैं,


अग्नि की उड़ान पुस्तक भारत के ग्याहरवें राष्ट्रपति और 'मिसाइल मैन' के नाम से प्रसिद्ध 'डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम' के जीवन की ही कहानी नहीं है, बल्कि यह डॉ. कलाम के स्वयं की ऊपर उठने और उनके व्यक्तित्व एवं पेशेवर संघर्षों की कहानी के साथ 'अग्नि', 'पृथ्वी', 'त्रिशूल' और 'नाग' मिसाइलों के विकास की भी कहानी हैं, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को मिसाइल सम्पन्न देश के रूप में जगह दिलाई। यह प्रौद्योगिकी एवं रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की आज़ाद भारत की भी कहानी है।

प्रस्तावना

इस पुस्तक की प्रस्तावना में लेखक ने लिखा है कि "डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के सान्निध्य में मुझे एक दशक से भी अधिक समय तक काम करने का अवसर मिला है। हो सकता है उनके जीवनी लेखक के रूप में मेरे पास पर्याप्त योग्यता न हो, परंतु निश्चित रूप से मेरी ऐसा बनने की इच्छा भी नहीं थी। एक दिन बातचीत करते हुए मैंने उनसे पूछा कि भारत के नौजवानों के लिए वे क्या कोई संदेश देना चाहेंगे? युवाओं के लिए उनका जो संदेश था, उसने मुझे मोह लिया। बाद में मैंने उनसे उनकी यादों के बारे में पूछने का साहस जुटाया, ताकि मैं उन्हें कलमबद्ध कर सकूँ। हमने देर रात एवं सूर्योदय से पहले तक कई लंबी-लंबी बैठकें कीं। उनकी अठारह घंटे रोजाना की दिनचर्या से किसी भी तरह यह समय निकाला। उनके विचारों की गहराई और व्यापकता ने मुझे सम्मोहित कर लिया था। उनमें गजब का तेज था और उन्होंने विचारों की दुनिया से असीम आनंद पाया था।[1]

डॉ. कलाम की बातचीत को समझना हमेशा आसान नहीं होता था; पर उनसे बातचीत हमेशा ताजगी एवं प्रेरणा प्रदान करने वाली होती थी। जब मैं इस पुस्तक को लिखने बैठा तो मुझे लगा कि जितनी क्षमता मेरे भीतर है, इस काम को करने के लिए उससे कहीं ज्यादा योग्यता चाहिए। लेकिन इस काम की महत्ता को महसूस करते हुए और इसे एक सम्मान के रूप में लेते हुए मैंने इसे पूरा करने का साहस एवं हिम्मत जुटाई। पुस्तक अग्नि की उड़ान देश के उन आम लोगों के लिए लिखी गई है, जिनके प्रति डॉ. कलाम का अत्यधिक लगाव है और जिनमें से एक वह स्वयं को मानते हैं। विनम्र और सीधे-सादे लोगों से उनका सदैव सहज संबंध रहा है, जो स्वयं उनकी सादगी एवं आध्यात्मिकता का परिचायक है।"

डॉ. कलाम की बताई कई घटनाओं में से कुछ को ही मैं इस पुस्तक में शामिल कर पाया हूँ। दरअसल यह पुस्तक डॉ. कलाम के जीवन की सिर्फ एक छोटी सी रूपरेखा ही प्रस्तुत कर पाई है। यह बिलकुल संभव है कि कई महत्त्वपूर्ण घटनाएँ छूट गई हों और डॉ. कलाम की परियोजनाओं से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों के महत्त्वपूर्ण योगदान का ज़िक्र नहीं आ पाया हो। चूँकि डॉ. कलाम की तुलना में मेरे काम का समय बहुत ही कम रहा है और एक-चौथाई सदी मुझे उनसे अलग करती है, इसलिए कई महत्त्वपूर्ण चीजें संभव है कि इसमें रह गई हों अथवा तथ्थपरक न रहकर तुड़-मुड़ गई हों। इस तरह की अनजानी भूलों और कमियों के लिए सिर्फ मैं ही जिम्मेदार हूँ और गुणीजनों की क्षमा का प्रार्थी हूँ।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अग्नि की उड़ान (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 14 दिसम्बर, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख