मुम्बई बम विस्फोट 1993
12 मार्च, 1993 में मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए थे, जिनमें 257 लोग मारे गए थे। इन धमाकों में 700 से ज़्यादा लोग घायल भी हुए थे। अदालत ने इस मामले में कुल 100 अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया है जबकि 23 लोगों को बरी कर दिया गया। इन्हीं अभियुक्तों में बॉलीवुड स्टार संजय दत्त भी शामिल हैं। टाडा अदालत ने उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत तो दोषी ठहराया लेकिन आतंकवाद के आरोपों से बरी कर दिया है। मुंबई में देश का यह पहला सबसे बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था। सिलसिलेवार 12 भीषण धमाकों में 260 से अधिक लोगों की मौत ने देश को सन्न कर दिया था। मुंबई में दिसंबर 1992 से जनवरी 1993 के बीच हुए हिंसक दंगों के प्रतिशोध में 12 मार्च 1993 को हुए इन आतंकवादी हमलों से देश की आर्थिक राजधानी बुरी तरह चरमरा गई थी। अयोध्या में 6 दिसंबर को हिंदू समूह द्वारा बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद ये दंगे शुरू हुए थे। मुंबई में 1993 में हुए हमलों का निशाना बनी जगहों तथा उन जगहों पर मारे गए लोगों की संख्या पर एक नज़र-
- मुंबई स्टॉक एक्सचेंज- अपराह्न 1.30 बजे - 84 लोगों की मौत
- कालबादेवी- अपराह्न 2.15 बजे - पांच व्यक्तियों की मौत
- शिवसेना भवन- अपराह्न 2.30 बजे- चार लोगों की मौत
- एअर इंडिया भवन, नरीमन प्वाइंट- अपराह्न 2.33 बजे- 20 लोग मरे
- मछुआरों की बस्ती, माहिम- अपराह्न 2.45 बजे - तीन लोगों की मौत
- वर्ली सेंचुरी बाजार- अपराह्न 2.45 बजे- 113 व्यक्तियों की मौत
- जावेरी बाजार- अपराह्न 3.00 बजे- 17 लोग मरे
- होटल सी-रॉक, बांद्रा- अपराह्न 3.10 बजे - हताहतों की संख्या उपलब्ध नहीं
- प्लाजा सिनेमा, डाबर- अपराह्न 3.15 बजे- 10 लोगों की मौत
- होटल जुहू सेंटॉर- अपराह्न 3.20 बजे- तीन लोग घायल हुए
- सहर हवाईअड्डे के पास- अपराह्न 3.30 बजे- संख्या उपलब्ध नहीं
- होटल एअरपोर्ट सेंटॉर : अपराह्न 3.40 बजे- दो लोगों की मौत।[1]
दोषियों को सज़ा
- टाडा अदालत ने मुज़्ज़मिल उमर कादरी को शेखाडी और रायगड में विस्फोटक और हथियार उतारने में हिस्सा लेने और अवैध रूप से 13 एके-56 रायफ़लें रखने का दोषी पाते हुए उन्हें उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई। साथ ही उन्हें सवा लाख़ रुपए बतौर जुर्माना भी अदा करना होगा।
- ख़लील नासिर को शेखाडी में हथियार उतारने में उनकी भूमिका के लिए अदालत ने 10 साल के कठोर कारावास से दंडित किया। साथ ही उन पर सवा लाख़ रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया गया है।
- कोर्ट ने मोहम्मद दाऊद ख़ान को तीन अवैध एके-56 रखने का दोषी पाते हुए उन्हें छह साल की सज़ा सुनाई है। इसके अलावा उन पर 50 हज़ार रुपए का ज़ुर्माना भी किया गया।
- मोहम्मद यूसुफ़ बोतोमिया को अवैध एके-56 रखने का दोषी पाया गया। उन्हें छह साल के कठोर कारावास की सज़ा दी गई और 50 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया गया।
- अज़ीज़ शेख़ को अवैध हथियार रखने का दोषी पाते हुए कोर्ट ने उन्हें पाँच साल की क़ैद की सज़ा सुनाई गई और 25 हज़ार रुपए का जुर्माना भी किया।
- कोर्ट ने सलीम दुर्रानी को एक अवैध एके-56 रखने का दोषी पाते हुए उन्हें पाँच वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई। साथ ही 25 हज़ार रुपए का जुर्माना भी किया।
- लियाकत ख़ान को शेखाडी में हथियार उतारने में उनकी भूमिका और विस्फोटक अपने पिता के गोदाम में रखने का दोषी पाते हुए पाँच साल के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई गई। साथ ही 35 हज़ार रुपए का जुर्माना भी किया गया।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1993 के मुंबई विस्फोट : घटनाक्रम पर एक नजर (हिन्दी) खबर आईबीएन लाइव। अभिगमन तिथि: 13 दिसम्बर, 2014।
- ↑ मुंबई विस्फोट: आठ और दोषियों को सज़ा (हिन्दी) बीबीसी हिंदी। अभिगमन तिथि: 13 दिसम्बर, 2014।
बाहरी कड़ियाँ
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