विश्व व्यापार संगठन

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विश्व व्यापार संगठन (अंग्रेज़ी: World Trade Organization or WTO) वैश्विक व्यापार और वैश्वीकरण की शुरुआत करने वाले संगठन का नाम है। यह संगठन विश्व व्यापार के लिए दिशा-निर्देशों को जारी करता है। यह विश्व का सबसे प्रमुख मौद्रिक संगठन है। संगठन अपने सदस्य देशों को जरुरत के अनुसार ऋण उपलब्ध कराता है। डब्लयूटीओ का मुख्यालय जेनेवा, स्विट्जरलैंड में है।

स्थापना

'विश्व व्यापार संगठन' की स्थापना 1 जनवरी, 1995 को की गई थी। यह संगठन नए व्यापार समझौतों में बदलाव और उन्हें लागू कराने के लिए उत्तरदायी है। भारत भी इसका एक सदस्य देश है। 'विश्व व्यापार संगठन' को 'जनरल एग्रीमेंट ऑन टेरिफ एंड ट्रेड' (गैट) के स्थान पर बनाया गया था। 'गैट' की स्थापना 1948 में तब हुई थी, जब 23 देशों ने कस्टम टेरिफ कम करने के लिए हस्ताक्षर किए थे। डब्ल्यूटीओ गैट का वृहद स्वरूप है, जहाँ गैट मात्र मर्केडाइज सामानों को नियंत्रित करता था, वहीं डब्ल्यूटीओ के कार्य-क्षेत्र में सेवा व्यापार, जैसे- दूरसंचार और बैंकिंग और दूसरे मुद्दे, जैसे- इंटेलेक्चुअल संपत्ति अधिकार भी हैं।

विवाद

विकसित देश अपने बाज़ार विकासशील देशों के लिए पूरे तौर पर नहीं खोलते, जो हमेशा से विवाद का कारण रहा है। कानकुन में हुई पांचवें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में जी-20 विकसित देशों, जिसमें भारत, चीन और ब्राजील शामिल हैं, ने यूरोपियन संघ और अमेरिका द्वारा कृषि सब्सिडी समाप्त करने की पुरजोर सिफारिश की थी। लेकिन बाद में यह वार्ता बिना किसी प्रगति के समाप्त हो गई थी। संगठन का उद्देश्य था, व्यापार में अड़चनें खत्म करना, संरक्षणवाद पर लगाम कसना और विकासशील देशों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों तक पहुंचाने का मौका देना; लेकिन हुआ कुछ अलग ही। राजनीतिक गुटबाजी, कड़क संरचना, तेज कदम, इन मुद्दों से जुड़े सवालों का संगठन के पास कोई जवाब नहीं था और आखिरकार 'विश्व व्यापार संगठन' पुराने समय का अवशेष बन कर रह गया।

'विश्व व्यापार संगठन' के महानिदेशक रह चुके पास्काल लेमी का कहना था कि- "डबल्यूटीओ एक मध्यकालीन संगठन है। संस्थापना के दस साल बाद भी डबल्यूटीओ अपनी ही जगह पैर पटकता रहा, वैश्वीकरण पीछे छूट गया और संगठन की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे। आखिर ट्रेन कहीं पटरी से उतर गई।"[1]

सदस्य देश

'विश्व व्यापार संगठन' में 160 सदस्य हैं। वर्ष 2001 में चीन भी इसमें सम्मिलित हो गया था। डब्ल्यूटीओ की सबसे बड़ी संस्था 'मंत्रिस्तरीय सम्मेलन'[2] है। यह प्रत्येक दो वर्ष में अन्य कार्यों के साथ संस्था के महासचिव और मुख्य प्रबंधकर्ता का चुनाव करती है। साथ ही वह सामान्य परिषद[3] का काम भी देखती है। सामान्य परिषद विभिन्न देशों के राजनयिकों से मिलकर बनती है, जो प्रतिदिन के कामों को देखता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विश्व व्यापार संगठन के 20 साल (हिन्दी) डीडब्ल्यू। अभिगमन तिथि: 20 दिसम्बर, 2014।
  2. मिनिस्ट्रयल कॉन्फ्रेंस
  3. जनरल काउंसिल

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