जम्मू कश्मीर कार्य विभाग
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जम्मू कश्मीर कार्य विभाग भारत के गृह मंत्रालय के अधीन भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 सहित संवैधानिक मामलों तथा जम्मू एवं कश्मीर के संबंध में सामान्य नीति विषयक मामलों और उस राज्य में आतंकवाद/उग्रवाद से संबंधित मामलों को देखता है। जम्मू और कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री के पैकेज के कार्यान्वयन का दायित्व भी इसी प्रभाग का है।
परिदृश्य
- भारत का अभिन्न अंग – जम्मू एवं कश्मीर राज्य भारत के उत्तरी भाग में अवस्थित है राजधानी श्रीनगर (ग्रीष्मा कालीन) और जम्मू (शीत कालीन)।
- विश्व के सुन्दरतम स्थानों में से एक – हिमालय की हिमाच्छारदित चोटियां और ग्लेशियर, पुरातन नदियां एवं घाटियां, घने सदाबहार वन, ताजी पहाड़ी हवा – धरती पर स्वर्ग के रूप में विख्यात।
- इसकी पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान, उत्तर और पूर्व में चीन और दक्षिणी सीमा पर भारत के पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश राज्य हैं।
- भाषाएं – कश्मीरी, डोगरी, पहाड़ी, पंजाबी, गोजरी, लद्दाखी या बोधी, बाल्ती, दार्दिक आदि
- जम्मू एवं कश्मीर के तीन मुख्य भाग हैं – कश्मीर घाटी, जम्मू और लद्दाख। तीनों क्षेत्रों का क्षेत्रफल और जनसंख्या निम्नसलिखित है-
क्षेत्र | क्षेत्रफल (वर्ग मील) | जनसंख्या (2001 की जनगणना) |
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8,639 | 5,476,970 | |
जम्मू क्षेत्र | 12,378 | 4,430,191 |
लद्दाख क्षेत्र | 33,554 | 236,539 |
कुल | 54,571 | 10,143,700 |
- जम्मू एवं कश्मीर 22 जिलों में विभाजित है और वे हैं जम्मू संभाग में जम्मू, कठुआ, उधमपुर, पुंछ, राजौरी, डोडा, किश्तिवाड़, रामबन, रयसी और साम्बा तथा श्रीनगर संभाग में श्रीनगर – बड़गाम, अनन्तनाग , पुलवामा, बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपुर, गांदरबल , कुलगाम और शोपियान तथा लद्दाख क्षेत्र में – कारगिल और लेह।
इतिहास एवं सभ्यता
- युगों से हिन्दुत्व, बौद्ध और इस्लाम के धार्मिक एवं सांस्कृतिक प्रभाव का संगम।
- प्राचीनतम लिखित विस्तृत इतिहास – कल्हण रचित – राजतरंगिणी – 12 वीं शताब्दी ए.डी.।
- अशोक महान के साम्राज्य का एक भाग रहा – तीसरी शताब्दी – बौद्ध धर्म का आगमन – कुषाणों के शासनकाल में पुष्पित – पल्लभवित
- उज्जैन के विक्रमादित्य के अधीन – 6वीं शताब्दी – हिन्दुत्व की वापसी – ललितादित्य- हिन्दू शासक – 697 से 738 ईसवी तक – अवन्तिवर्मन ललितादित्य का उत्तराधिकारी – श्रीनगर के निकट अनन्तिपुरम स्थापित किया।
- गणपत्यार एवं खीर भवानी मन्दिर – महाभारत युग
- गिलगित हस्त लिपि – प्राचीन पाली (बौद्ध) लिपि
- त्रिखा शास्त्र – कश्मीर में उत्पत्ति – सहिष्णुतता दर्शन
- मुस्लिम शासन – 14वीं शताब्दी से – पर्सिया से सूफी इस्लाम का आगमन
- ऋषि परम्परा – त्रिखा शास्त्र एवं सूफी इस्लाम का संगम – कश्मीरियत की शुरूआत – भारतीय लोकाचार रूढिवादी की सांस्कृतिक प्रशाखा
- मुगल अधिपत्य – अकबर महान 1589 ईस्वी
- मुगल साम्राज्य का विखण्डन होने के पश्चात पठानों द्वारा अधिपत्य – अज्ञात युग
- पंजाब के शासक महाराजा रणजीत सिंह द्वारा पठानों को हराना, - 1814 ईस्वी
- अंग्रेजों के हाथों सिखों की हार – लाहौर की सन्धि – 1846 ईस्वी – ब्रिटिश शासकों द्वारा अधिष्ठापित – गुलाब सिंह – कश्मीर का स्वतंत्र शासक बना
- ब्रिटिश राजनीतिक एजेन्ट के अधीन गिलगित एजेन्सी – कश्मीर न्यायालय से गिलगित क्षेत्र
- अंग्रेजों द्वारा जम्मू – कश्मीर में रीजेन्टस की नियुक्ति
- गुलाब सिंह के प्रपोत्र हरि सिंह 1925 ई. में राजा बने – उनका शासन 1947 तक रहा।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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