भारतीय रेल

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भारतीय रेल नेटवर्क का प्रतीक चिह्न

भारतीय रेल (अंग्रेज़ी: Indian Railways) एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है तथा एक प्रबंधनाधीन यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यह 150 वर्षों से भी अधिक समय तक भारत के परिवहन क्षेत्र का मुख्य संघटक रहा है। यह विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है, इसके वर्तमान में 16 लाख से भी अधिक कर्मचारी हैं। यह न केवल भारत की मूल संरचनात्‍मक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अपितु बिखरे हुए क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने में और देश राष्‍ट्रीय अखंडता का भी संवर्धन करता है। राष्ट्रीय आपात स्थिति के दौरान आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में भारतीय रेलवे अग्रणी रहा है।

इतिहास

भारत में रेलवे के विकास की दिशा में सर्वप्रथम प्रयास 1844 में तत्कालीन गर्वनर जनरल लार्ड हार्डिंग ने निजी कंपनियों के समक्ष रेल प्रणाली के निर्माण का प्रस्ताव रखकर किया। देश में पहली रेलगाड़ी का परिचालन 22 दिसम्बर, 1851 को किया गया जिसका प्रयोग रूड़की में निर्माण कार्य के माल की ढुलाई के लिए होता था। ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय उप-महाद्वीप में प्रथम रेलगाड़ी महाराष्ट्र स्थित मुम्बई और ठाणे के बीच 21 मील

(लगभग 33.6 कि.मी.) लम्बे रेलमार्ग पर 16 अप्रैल, 1853 को चलाई गई थी। इस रेलगाड़ी के लिए तीन लोकोमोटिव इंजनों- साहिब, सिंध और सुल्तान का प्रयोग किया जाता था। दक्षिण भारत में रेल की शुरुआत 1 जुलाई, 1856 को मद्रास रेलवे कम्पनी से हुई। 1951 में भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। भारत की पहली विद्युत रेल ‘डेक्कन क्वीन’ थी, जिसे 1929 में कल्याण और पुणे के बीच चलाया गया था। आज सम्पूर्ण देश में रेलों का सघन जाल बिछा हुआ है। भारतीय रेल व्यवस्था के अन्तर्गत वर्तमान समय में कुल 63,465 किमी लम्बा रेलमार्ग है। 150 वर्ष के उपलक्ष्य में भारतीय रेल ने वर्ष 2002 में अपनी स्थापना का स्वर्ण जयंती मनाया।

भारतीय रेल

रेल परिवहन

अर्थव्यस्था में अंतर्देशीय परिवहन का रेल मुख्य माध्यम है। यह ऊर्जा सक्षम परिवहन मोड, जो बड़ी मात्रा में जनशक्ति के आवागमन के लिए बड़ा ही आदर्श एवं उपयुक्त है, बड़ी मात्रा में वस्तुओं को लाने ले जाने तथा लंबी दूरी की यात्रा के लिए अत्यन्त उपयुक्त हैं। यह देश की जीवन धारा हैं और इसके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए इनका महत्वपूर्ण स्थान है। सुस्थापित रेल प्रणाली देश के दूरतम स्‍थानों से लोगों को एक साथ मिलाती है और व्यापार करना, दृश्य दर्शन, तीर्थ और शिक्षा संभव बनाती है। यह जीवन स्तर सुधारती है और इस प्रकार से उद्योग और कृषि का विकासशील त्वरित करने में सहायता करता है।


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