संथाल परगना

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संथाल परगना झारखंड राज्य की प्रशासनिक इकाइयों में से एक है। यह राज्य की एक कमीशनरी है, जिसका मुख्यालय दुमका में है। यहाँ के आदिवासियों में सबसे अधिक संख्या संथालों की है।

  • इस परगने में झारखंड के छ: ज़िले सम्मिलित हैं- गोड्डा, देवघर, दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज और पाकुड़
  • ब्रिटिश शासनकाल में पहले संथाल परगना नाम से ही संयुक्त बिहार में एक ज़िला हुआ करता था, जिसे 1855 ई. में अंग्रेज़ सरकार ने ज़िला घोषित किया था और यह बंगाल प्रेसिडेंसी का हिस्सा था।
  • संथाल परगना दो शब्दों 'संथाल', जिसे कुछ लोग संताल एवं सांथाल भी कहते हैं तथा जो एक आदिवासी समुदाय है, और 'परगना', जिसका अर्थ प्रांता या राज्य होता है, से मिलकर बना है।
  • परगने के सभी छ: ज़िलों में संथाल आदिवासियों की बहुतायत है, जो आस्ट्रो एशियाटिक भाषा परिवार की संथाली और भारतीय आर्य भाषा परिवार की अंगिका भाषा का प्रयोग करते हैं।
  • ब्रिटिश राज के दौरान आदिवासियों द्वारा यहाँ कई विद्रोह हुए थे, जिसमें तिलका मांझी, बिरसा मुंडा, सिद्धू तथा कान्हू इत्यादि जैसे आदिवासियों ने काफ़ी प्रमुख भूमिका निभाई थी।


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