अखिलेश यादव
अखिलेश यादव
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पूरा नाम | अखिलेश यादव |
जन्म | 1 जुलाई 1973 |
जन्म भूमि | इटावा, उत्तर प्रदेश |
अभिभावक | मुलायम सिंह यादव और मालती देवी |
पति/पत्नी | डिम्पल यादव |
संतान | अदिति, टीना और अर्जुन |
नागरिकता | भारतीय |
पार्टी | समाजवादी पार्टी |
पद | मुख्यमंत्री (उत्तर प्रदेश) |
शिक्षा | स्नातक, स्नाताकोत्तर (अभियान्त्रिकी) |
विद्यालय | एस.जे. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मैसूर; सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया |
भाषा | हिन्दी और अंग्रेज़ी |
विदेश भ्रमण | ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमरीका, यूनाइटेड किंगडम, चीन, स्विटजरलैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, कनाडा, जापान |
शौक | फ़िल्में देखने के अतिरिक्त फुटबाल मैच खेलने व देखने का शौक, क्रिकेट में भी दिलचस्पी |
बाहरी कड़ियाँ | अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिनके पिता मुलायम सिंह यादव भी इस पद पर आसीन रह चुके हैं। |
अद्यतन | 12:37, 16 मार्च 2012 (IST)
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अखिलेश यादव (जन्म: 1 जुलाई 1973 इटावा, उत्तर प्रदेश) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के पुत्र जिन्होंने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया। पार्टी के राज्य में आए स्पष्ट बहुमत के बाद, 15 मार्च, 2012 को अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिनके पिता मुलायम सिंह यादव भी इस पद पर आसीन रह चुके हैं।
जीवन परिचय
अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा ज़िले के सैफई गाँव में समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के यहाँ हुआ। इनकी माँ का देहांत बचपन में ही हो गया था। अखिलेश यादव विवाहित हैं और तीन बच्चों के पिता हैं। डिम्पल यादव उनकी पत्नी हैं जिन्होंने एक बार फ़िरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था किन्तु सफल नहीं हुई किंतु 2012 के उपचुनाव में कन्नौज से निर्विरोध सांसद चुनी गईं।
शिक्षा
अखिलेश यादव ने राजस्थान मिलिट्री स्कूल धौलपुर से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने मैसूर के एस.जे. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से अभियान्त्रिकी में स्नातक की उपाधि ली और बाद में ऑस्ट्रेलिया चले गये जहाँ सिडनी विश्वविद्यालय से पर्यावरण अभियान्त्रिकी में स्नातकोत्तर किया।
राजनीतिक परिचय
अखिलेश यादव ने मई 2009 के लोकसभा उप-चुनाव में फ़िरोजाबाद सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी एस.पी.सिंह बघेल (सत्य प्रकाश सिंह बघेल) को 67,301 मतों से हराकर सफलता प्राप्त की। इसके अतिरिक्त वे कन्नौज से भी जीते। बाद में उन्होंने फ़िरोजाबाद सीट से त्यागपत्र दे दिया और कन्नौज सीट अपने पास रखी।
चुनाव क्षेत्र
अखिलेश यादव का चुनाव क्षेत्र कन्नौज, उत्तर प्रदेश है। लोकसभा सदस्य अखिलेश यादव तेरहवीं और पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य रहे हैं।
मुख्यमंत्री के रूप में
विधानसभा चुनाव 2012 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की हार के कारणों में जहां जानकार मुख्यमंत्री रहने के दौरान मायावती की जनता से दूरी गिना रहे हैं, वहीं नए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आम जनता से नजदीकी को अपनी ताकत बना रहे हैं। जनता दरबार लगाने का फैसला, मुख्यमंत्री आवास- 5 कालीदास मार्ग की सड़क आम आदमी के लिए खोलना, लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अपने काफिले में वाहनों की संख्या कम करने, जैसे कई कदम हैं जो बताते हैं कि युवा मुख्यमंत्री अखिलेश अपनी सरकार में आम आदमी को केंद्र में रखकर उससे निकटता को अपनी ताकत बनाना चाहते हैं। 2007 में मायावती के मुख्यमंत्री बनते ही कालीदास मार्ग आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था। जनता तो दूर सरकारी अधिकारियों तक को उस मार्ग से जाने की पाबंदी थी। अखिलेश ने मुख्यमंत्री बनने के बाद क़रीब एक किलोमीटर लंबे इस रास्ते को आम लोगों के लिए खोलकर स्थानीय जनता को बड़ी राहत दी। मायावती के बारे में कहा जाता है कि मुख्यमंत्री रहते आम जनता तो दूर उनसे बसपा के विधायक व सांसद और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तक नहीं मिल पाते थे। अखिलेश यादव पद संभालने के बाद लगातार लोगों से मिल रहे हैं। सपा की सरकार आने के बाद सूबे में लोकतंत्र बहाल हुआ और आम आदमी को तानाशाह मुख्यमंत्री के कुशासन से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश ने दहशत पैदा करने वाले पुराने सुरक्षा काफिले में भी कमी कर दी और अपने आवागमन के समय यातायात रोकने की प्रथा भी बंद करा दी। अब मुख्यमंत्री आवास वाली सड़क पर कर्फ्यू जैसे हालात नहीं रहते। उनके कार्यालय के दरवाज़े पहले की तरह आम लोगों के लिए बंद नहीं रहते। मुख्यमंत्री अखिलेश ने विधानसभा के सामने पुराने धरना स्थल को फिर से बहाल कर दिया। साथ ही मायावती के निजी आवास 13-मॉल एवेन्यू में पिछले पांच साल से लगे बैरियर को हटवा दिया। इस मार्ग पर अभी तक आम लोगों की आवाजाही पर पाबंदी थी। जिसके चलते स्थानीय लोगों को कई किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता था। राजनीतिक विश्लेषक एवं लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर रमेश दीक्षित ने कहा कि मायावती की जनता से कथित दूरी के उलट अखिलेश की रणनीति आम लोगों के लिए आसानी से सुलभ मुख्यमंत्री के रूप में खुद को पेश कर जनहित मुख्यमंत्री की छवि बनाने की है।[1]
जनता दरबार
18 अप्रैल 2012 से वह हर बुधवार को जनता दरबार आरम्भ हुआ, जिसमें लोग सीधे मुख्यमंत्री से संवाद कर उन्हें अपनी समस्याएं बता सकते हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के साथ ही वे सारी जंजीरें तोड़ दी जिनके भार से जनता कराह रही थी।
आकर्षक व्यक्तित्व
अखिलेश यादव में अपने पिता मुलायम सिंह यादव की तरह से ग्रामीण वातावरण का असर दिखता है। वे समाजवादी पार्टी के भविष्य के नेताओं में शामिल हैं। आकर्षक व्यक्तित्व के धनी अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का नया चेहरा समझा जा सकता है। वे अपने पिता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की तरह पहलवानी के शौकीन नहीं हैं वरन् उन्हें फुटबॉल खेलने, देखने और अमिताभ बच्चन की फ़िल्में देखने में मजा आता है। वर्ष 2004 में उन्होंने कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था और बसपा के नेता अकबर अहमद डम्पी को हराकर चुने गए थे। 'ब्लैकबेरी' उनका पसंदीदा 'खिलौना' है। सोशल साइट्स पर उनके हजारों फालोअर और दोस्त हैं। 'साइबेरिया' [साइबर जगत] में इस उनकी जितनी चर्चा है शायद ही किसी अन्य की हो। लैपटॉप में अपने चुनाव क्षेत्र के आँकड़ों की जानकारी रखने वाले अखिलेश को ग्रामीण क्षेत्र में साइकिल की सवारी करते भी देखा जा सकता है। सांसद के रूप में उन्होंने लोकसभा में बहुत सारे मुद्दों को उठाया और बहुत से महत्त्वपूर्ण विषयों पर सवाल पूछने का सिलसिला भी जारी रखा है। वे इस बार के संसदीय चुनावों में भी कन्नौज से पार्टी के उम्मीदवार हैं और समूचे राज्य में समाजवादी पार्टी का प्रचार करने में जुटे हुए हैं।[2]
सबसे युवा मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। पहले यह रिकार्ड मायावती के नाम था। 15 मार्च 2012 को जब वह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उस रोज वह 38 साल आठ महीने और 14 दिन के थे। अखिलेश यादव की जन्म तिथि 1 जुलाई 1973 है। मायावती जब पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं तो उनकी उम्र 39 साल चार महीने और 18 दिन थी। कौन किस उम्र में बना मुख्यमंत्री, उसका विवरण निम्नवत है:
मुख्यमंत्री | जन्म तिथि | मुख्यमंत्री पद की शपथ तिथि | आयु |
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अखिलेश यादव | 1 जुलाई 1973 | 15 मार्च 2012 | 38 वर्ष 8 महीने और 14 दिन |
मायावती | 15 जनवरी, 1956 | 3 जून 1995 | 39 वर्ष 4 महीने और 18 दिन की उम्र में पहली बार मुख्यमंत्री बनीं। |
मुलायम सिंह यादव | 22 नवंबर 1936 | 5 दिसंबर 1989 | 53 वर्ष की उम्र में पहली बार मुख्यमंत्री बने। |
राजनाथ सिंह | 10 जुलाई 1951 | 28 अक्टूबर 2000 | 49 वर्ष |
रामनरेश यादव | 1 जुलाई 1928 | 23 जून 1977 | 49 वर्ष |
वीर बहादुर सिंह | 18 फरवरी 1935 | 24 सितंबर 1985 | 50 वर्ष |
एनडी तिवारी | 18 अक्टूबर 1925 | 21 जनवरी 1976 | 51 वर्ष की आयु में पहली बार मुख्यमंत्री बने। |
हेमवती नन्दन बहुगुणा | 25 अप्रैल 1919 | 8 नवंबर 1973 | 54 वर्ष |
सुचेता कृपलानी | 25 जून 1908 | 2 अक्टूबर 1963 | 55 वर्ष |
चन्द्रभानु गुप्ता | 14 जुलाई 1902 | 7 दिसंबर 1960 | 58 वर्ष |
गोविन्द बल्लभ पंत | 10 सितंबर 1887 | 1 अप्रैल 1946 | 59 वर्ष |
श्रीपति मिश्र | 4 दिसंबर 1923 | 19 जुलाई 1982 | 59 वर्ष |
वीपी सिंह | 25 जून 1931 | 9 जून 1980 | 59 वर्ष |
कल्याण सिंह | 5 जनवरी 1932 | 24 जून 1991 | 59 वर्ष की आयु में पहली बार मुख्यमंत्री बने। |
बनारसी दास | 5 नवंबर 1917 | 28 फरवरी 1979 | 62 वर्ष |
सम्पूर्णानंद | 1 जनवरी 1891 | 28 दिसंबर 1954 | 63 वर्ष |
चौधरी चरण सिंह | 23 दिसंबर 1902 | 3 अप्रैल 1967 | 65 वर्ष |
टीएन सिंह | 8 अगस्त 1904 | 18 अक्टूबर 1970 | 66 वर्ष |
कमलापति त्रिपाठी | 3 सितंबर 1905 | 4 अप्रैल 1971 | 66 वर्ष |
राम प्रकाश गुप्ता | 26 अक्टूबर 1923 | 12 नवंबर 1999 | 76 वर्ष |
राजनीतिक एवं प्रशासनिक अनुभव
वर्ष | विवरण |
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2000 | उपचुनाव में 13वीं लोकसभा के लिये निर्वाचित, खाद्य, रसद एवं सार्वजनिक वितरण समिति के सदस्य |
2000-2001 | आचारनीति समिति के सदस्य |
2002-2004 | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण व वन समिति के सदस्य |
2004-2009 | 14वीं लोकसभा के लिये पुन: निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल), सदस्य, प्राक्कलन समिति, सदस्य नगर विकास समिति, सदस्य, सांसदों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों व लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों हेतु कम्प्यूटर व्यवस्था सम्बन्धी समिति, सदस्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण व वन समिति (2007) |
2009 | 15वीं लोकसभा के लिये पुन: निर्वाचित (तीसरा कार्यकाल) |
2009-2012 | सदस्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण एवं वन समिति, सदस्य, 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला संयुक्त संसदीय समिति |
10 मार्च, 2012 | उत्तर प्रदेश की नवगठित 16वीं विधान सभा के लिये सर्वसम्मति से समाजवादी पार्टी विधायक दल के नेता चुने गये तथा प्रदेश के 33वें मुख्यमंत्री मनोनीत हुये |
15 मार्च, 2012 | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की |
2 मई, 2012 | पंद्रहवीं लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा। |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जनता के क़रीब ही रहेंगे अखिलेश यादव (हिंदी) नया इंडिया डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 4 दिसम्बर, 2012।
- ↑ सपा के युवराज अखिलेश यादव (हिंदी) वेबदुनिया हिंदी। अभिगमन तिथि: 4 दिसम्बर, 2012।
- ↑ अखिलेश यादव व्यक्तित्व (हिंदी) उत्तर प्रदेश विधान सभा आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 4 दिसम्बर, 2012।
बाहरी कड़ियाँ
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