कीर्तिवर्मा चंदेल
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कीर्तिवर्मा चंदेल कालंजर के नरेश देववर्मा के छोटा भाई तथा विजयपाल का पुत्र था। जिसने 1060 से 1100 ई. तक शासन किया। इनके पूर्व चंदेलों की राजनीतिक संप्रभुता चली गई थी, उन्हें कलचुरि शासक लक्ष्मीकरण के आक्रमणों के सामने अपमानित होना पड़ा था।
- कीर्तिवर्मा ने अपने सामंत गोपाल की सहायता से लक्ष्मीकर्ण को हराया।[1]
- कृष्ण मिश्र रचित प्रबोधचंदोदय नामक संस्कृत नाटक में चेदिराज के विरुद्ध गोपाल के युद्धों और विजयों का उल्लेख है। उसमें कहा गया है कि गोपाल ने नृपतितिलक कीर्तिवर्मा को पृथ्वी के साम्राज्य का स्वामी बनाया तथा उनके दिग्विजय व्यापार में शामिल हुआ।
- चंदेलों के अभिलेखों से भी लक्ष्मीकर्ण के विरुद्ध कीर्तिवर्मा की विजयों की जानकारी प्राप्त होती हैं।
- किंतु दोनों के बीच हुए युद्ध का ठीक-ठीक समय निश्चित नहीं किया जा सका है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कीर्तिवर्मा चंदेल (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 1 अगस्त, 2015।