राम नाम जान्यो नहीं -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:55, 5 फ़रवरी 2016 का अवतरण ('<div class="bgrahimdv"> राम नाम जान्यो नहीं, भई पूजा में हानि।<br /> क...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

राम नाम जान्यो नहीं, भई पूजा में हानि।
कहि ‘रहीम’ क्यों मानिहैं, जम के किंकर कानि॥

अर्थ

राम-नाम की महिमा मैंने पहचानी नहीं और पूजा-पाठ करता रहा। बात बिगड़ती ही गयी। यमदूत मेरी एक नहीं सुनेंगें, मेरी लाज नहीं बचेगी।


पीछे जाएँ
पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ
आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख