कौन बड़ाई जलधि मिलि -रहीम

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कौन बड़ाई जलधि मिलि, गंग नाम भो धीम।
केहि की प्रभुता नहिं घटी पर-घर गये ‘रहीम’॥

अर्थ

गंगा की कितनी बड़ी महिमा है, पर समुद्र में पैठ जाने पर उसकी महिमा घट जाती है। घट क्या जाती है, उसका नाम भी नहीं रह जाता। सो, दूसरे के घर, स्वार्थ लेकर जाने से, कौन ऐसा है, जिसकी प्रभुता या बड़प्पन न घट गया हो?


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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