पार्टी बंदी हों जहाँ , घुसे अखाड़ेबाज़ मक्खी, मच्छर, गंदगी का रहता हो राज का रहता हो राज, सड़क हों टूटी - फूटी नगरपिता मदमस्त, छानते रहते बूटी कहँ ‘ काका ' कविराय, नहीं वह नगरपालिका बोर्ड लगा दो उसके ऊपर ‘ नरकपालिका '