मौलाना मोहम्मद अब्दुल बरी
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मौलाना मोहम्मद अब्दुल बरी (अंग्रेज़ी: Maulana Muhammad Abdul Bari, जन्म: 1878 लखनऊ) उत्तर प्रदेश के प्रमुख क्रान्तिकारियों में से एक क्रान्तिकारी थे। उन्हें पश्चिमी शिक्षा व्यवस्था से सख्त नफरत थी। उन्होंने एक रूढ़िवादी मुस्लमान के रूप में अपना जीवन जिया। उनका मानना था कि भारत में मुस्लिम सम्प्रदाय की बदहाली का कारण ब्रिटिश प्रभाव था। उन्होंने ज़माते-उमेला-इहिन्द की स्थापना की। उन्होंने खिलाफत आन्दोलन में अहम भूमिका निभाई।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ उत्तरप्रदेश के क्रांतिकारी (हिन्दी) kranti1857। अभिगमन तिथि: 14फरवरी, 2017।
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