ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार
ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार
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पूरा नाम | ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार |
जन्म | 19 जनवरी, 1920 |
जन्म भूमि | लीमा, पेरू |
पति/पत्नी | मरकेला टेंपल सेमीनारियों |
नागरिकता | पेरूवियन |
प्रसिद्धि | पेरू के प्रधानमंत्री, संयुक्त राष्ट्र महासचिव |
कार्य काल | महासचिव - 1 जनवरी, 1982 से 31 दिसम्बर, 1991। प्रधानमंत्री (पेरू) - 22 नवम्बर, 2000 से 28 जुलाई, 2001 तक। |
संबंधित लेख | संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र महासभा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद। |
धर्म | रोमन कैथोलिक |
ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार (अंग्रेज़ी: Javier Perez de Cuellar, जन्म- 19 जनवरी, 1920, पेरू) संयुक्त राष्ट्र संघ के पाँचवें महासचिव थे। सन 1995 में वे पेरू के राष्ट्रपति पद के चुनाव में अल्बर्टो फुजीमोरी से हार गए थे। फुजीमोरी के इस्तीफे के बाद अशांत माहौल में उन्होंने मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष होने के साथ-साथ नवंबर, 2000 से जुलाई, 2001 तक विदेशमंत्री का दायित्व भी संभाला। जून, 2007 में कुर्त वॉल्डहाइम की मौत के बाद ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार सबसे अधिक उम्र के संयुक्त राष्ट्र महासचिव बने थे। वर्ष 1987 में उन्हें 'जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
परिचय
ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार का जन्म 19 जनवरी, सन 1920 को पेरू शहर के लीमा नामक स्थान पर हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा लीमा के कौलेजियों सान आईस्टीन और फिर उसके बाद उच्च शिक्षा पेरु के विशप कैथोलिक विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
महासचिव
31 दिसम्बर, 1981 को ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार को कुर्त वॉल्डहाइम के स्थान पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव नियुक्त किया गया। पाँच सप्ताह के चुनावी गतिरोध के बाद तंजानिया के सलीम अहमद सलीम के मुकाबले ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार इस पद पर निर्वाचित हुए। अक्टूबर, 1986 में उन्हें एक दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुन लिया गया। तृतीय अवधि हेतु प्रतिनियुक्ति से उन्होंने इनकार कर दिया।
महत्त्वपूर्ण कार्य
महासचिव के रूप में ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार ने अपनी दो अवधि के दौरान ब्रिटेन और अर्जेंटीना के बाद फोकलैंड युद्ध के प्रयासों को बढ़ावा देने वाले कोण्टोडोरा समूह तथा मध्य अमेरिका के लिए शांति और स्थिरता लाने हेतु मध्यस्थता की। इस दौरान वे नामीबिया की स्वतंत्रता के लिए वार्ता में मध्यस्थता करने के अलावा पश्चिमी सहारा, मोरक्को और पोलिसरियों मोर्चा के बीच एक सेतु निर्माण की प्रक्रिया से गुजरे, इसके साथ ही साइप्रस मुद्दे को भी सुलझाने में अहम भूमिका अदा की। उन्होंने रेनबो वारियर की घटना पर न्यूजीलैंड और फ़्राँस के बीच भी मध्यस्थता की। कुईयार इस पद पर निर्वाचित होने वाले पहले अमेरिकी महाद्वीप के निवासी थे।
सम्मान
12 दिसम्बर, 1991 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश द्वारा ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार को राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था।
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