निश्चीरा

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निश्चीरा पुराण उल्लेखानुसार भारतवर्ष की एक विख्यात नदी का नाम है। इसकी यात्रा करने से अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।

  • इस नदी की यात्रा करने वाले यात्री को अंत में विष्णु का लोक मिलता है।
  • निश्चीरा के संगम में स्नान और दान का फल इंद्रलोक की प्राप्ति है।[1][2]


इन्हें भी देखें: गंगा, यमुना, सरस्वती नदी एवं नर्मदा नदी


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत वनपर्व 84.138-9; वायुपुराण 49.96; मत्स्यपुराण
  2. पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 277 |

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