संयम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:58, 6 जुलाई 2017 का अवतरण (Text replacement - "व्यवहारिक" to "व्यावहारिक")
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

संयम मुक्त भोग और पूर्ण त्याग के मध्य आत्मनियंत्रण की स्थिति है। व्यावहारिक जीवन और आध्यात्मिक साधनाओं में सफलता के लिए इसे अनिवार्य माना गया है। आध्यात्मिक दृष्टि से संयम आत्मा का गुण है। इसे आत्मा का सहज स्वभाव माना गया है। संयम शून्य अबाध भोग से इन्द्रिय की तृप्ति संभव नहीं है। संयम मुक्त इंद्रिय व्यक्ति एवं समाज को पतन की ओर अग्रसर करती है।

संयम और दमन

संयम और दमन में अन्तर है। संयम में नियंत्रण है। दमन का अर्थ दबाना है। बहुत सी साधनाओं में साधक द्वारा अपनी वृत्तियों को दबाने के बजाय नियंत्रित करने को कहा जाता है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख