थियोक्रितस
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
थियोक्रितस यूनानी ग्राम्य गीतों का कवि। इसका जन्म सिराक्यूज में हुआ था। कुछ लोग उसे कॉस में जन्मा मानते हैं। यह तृतीय शताब्दी ई. पू. के उत्तरार्ध में जीवित था। मिस्र पहुँचने पर टॉलेमी फिलैडेल्फस ने उसका बहुत सम्मान किया था। थियोक्रितस ने उसके सम्मान में कुछ कविताएँ लिखी थीं।[1]
- मिस्र से सिराक्यूज वापस लौटने पर हीरों द्वितीय से थियोक्रितस की मित्रता हुई।
- थियोक्रितस द्वारा रचित ग्राम्य गीतों में अब प्रतिक्षप्तांश बहुत मिलता है।
- ऐसा माना जाता है कि यूनानी साहित्य में ग्राम्य गीतों की मधुरता का समावेश थियोक्रितस ने किया, यद्यपि यूनानी डोरियन लोगों में इस साहित्य के तत्व विद्यमान थे।
- थियोक्रितस ने अपने गीतों में सिसली के जनजीवन को उसकी गहराई में पैठकर चित्रित किया है। उन गीतों में कवि ने कहीं मधुर हास्य बिखेरा है, तो कहीं वह जीवन के कटु यथार्थ से शोकविह्वल होकर रोया भी है।
- डोरी भाषा की ग्रामीण बोली में अपना साहित्य रचते हुए थियोक्रितस ने शैली और भाव-सौंदर्य को जीवित रखा है।
- 'वरजिल' और 'टेनीसन' उससे बहुत प्रभावित जान पड़ते हैं। मीनेक वर्ड्सवर्थ और फ्रट्शे ने थियोक्रितस की कविताओं का संपादन किया है।
- चैपमैन और कालवरली ने थियोक्रितस के अंग्रेज़ी अनुवाद प्रस्तुत किए हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ थियोक्रितस (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 19 अगस्त, 2014।