जैन केशवाय संस्कार
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- यह संस्कार जैन धर्म के अंतर्गत आता है।
- यह संस्कार पहले, तीसरे, पाँचवें अथवा सातवें वर्ष में करना उचित है।
- परन्तु यदि बालक की माता गर्भवती हो तो मुण्डन करना सर्वथा अनुचित है।
- माता के गर्भवती होने पर यदि मुण्डन किया जाएगा तो गर्भ पर अथवा उस बालक पर कोई विपत्ति सम्भव है।
- यदि बालक के पाँच वर्ष पूर्ण हो गये हों तो फिर माता का गर्भ पर किसी प्रकार का दोष नहीं कर सकता अर्थात् सातवें वर्ष में यदि माता गर्भवती भी हो तथापि बालक का विधिपूर्वक मुण्डन करा देना ही उचित है।
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