ज्योति प्रकाश निराला

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ज्योति प्रकाश निराला (अंग्रेज़ी: Jyoti Prakash Nirala) भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडों में से एक थे। कश्मीर में शहीद होने वाले कॉर्पोरल ज्योति प्रकाश निराला को 26 जनवरी, 2018 को 'गणतंत्र दिवस के अवसर पर 'अशोक चक्र' से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जाबांज निराला की पत्नी और मां को ये सम्मान दिया। ज्योति प्रकाश निराला 18 नवंबर, 2017 को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के खिलाफ एक ऑपरेशन में शामिल थे। उन्होंने इसमें तीन आतंकियों को मार गिराया था। इस एनकाउंटर के दौरान फायरिंग में ज्योति प्रकाश निराला शहीद हुए थे।

परिचय

ज्योति प्रकाश निराला रोहतास ज़िला, बिहार के बदलाडीह नामक गांव के रहने वाले थे। साल 2005 में ज्योति प्रकाश निराला ने भारतीय वायु सेना में प्रवेश किया था। पांच साल बाद 2010 में उनका विवाह सुषमा से हुआ। उनकी चार साल की एक बेटी है। बहन बिंदू कुमारी, शशी कुमारी और सुनीता कुमारी के विवाह आदि का दायित्व भी उन्हीं पर था, लेकिन उससे पहले ही वे शहीद हो गए। ज्योति प्रकाश निराला सेना की काउंटरजेंसी फोर्स में आईएएफ के गरुड़ कमांडो के तौर पर राष्ट्रीय रायफल्स से जुड़े थे। वर्ष 2017 से ही गरुड़ कमांडोज आर्मी के ग्राउंड ऑपरेशंस में हिस्सा बन रहे हैं। गरुड़ कमांडोज की छोटी टुकड़ी को सेना के साथ जोड़ने का फैसला जनवरी, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के बाद लिया गया था।

बांदीपोरा का ऑपरेशन

ज्योति प्रकाश निराला 'ऑपरेशन रक्षक' के अंतर्गत जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। नवंबर, 2017 को इंटेलिजेंस से जानकारी मिली कि बांदीपोरा के चंदरगढ़ गांव में आतंकवादी एक घर में छिपे हुए हैं। जानकारी मिलते ही निराला के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी वहां पहुंच गई। सेना की टुकड़ी के वहां पहुंचते ही आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसकी आड़ में आतंकी वहां से भागना चाहते थे; लेकिन ज्योति प्रकाश निराला अदम्य साहस दिखाते हुए खुद को उनके इतना करीब ले गए कि आतंकियों के भागने की संभावना समाप्त हो गई।

आतंकियों पर गोलियां बरसाते हुए ज्योति प्रकाश निराला ने दो आतंकवादियों को मार गिराया और दो को गंभीर रूप से घायल कर दिया। ज्योति के हाथों मारे गए दो खूंखार आतंकवादियों में से एक लश्कर कमांडर लखवी का भतीजा उबैद उर्फ ओसामा था और दूसरे का नाम महमूद भाई था। इस गोलीबारी में कमांडो ज्योति प्रकाश निराला को भी गोली लग गई, लेकिन घायल होने के बाद भी वह आतंकियों का सामना करते रहे। सेना की इस कार्यवाई में घर में छिपे सभी छह आतंकवादी मारे गए, लेकिन इस मुठभेड़ में कमांडो ज्योति प्रकाश निराला ने भी अपनी शहादत दे दी।[1]

'अशोक च्रक' सम्मान

राजपथ पर 69वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान कमांडो ज्योति प्रकाश निराला की पत्नी सुषमानंद और मां मालती देवी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से 'अशोक चक्र प्राप्त किया। 'अशोक च्रक' शांतिकाल में दिया जाने वाला सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। ज्योति प्रकाश निराला वीरता का सर्वोच्च सम्मान पाने वाले भारतीय वायु सेना के तीन सदस्यों में शामिल हो गए हैं। निराला के पहले फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों को 1971 के युद्ध में अद्भुत साहस दिखाने के लिए मरणोपरांत 'परमवीर चक्र' दिया गया था। स्कवॉड्रन लीडर राकेश शर्मा को भी 1984 में 'अशोक चक्र' दिया गया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अशोक चक्र से सम्मानित कमांडो निराला की शहादत की कहानी (हिंदी) hindi.firstpost.com। अभिगमन तिथि: 27 जनवरी, 2018।

बाहरी कड़ियाँ

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