अस्तेय
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अस्तेय का अर्थ है- अदत्त दान का त्याग करना। चोरी न करने का व्रत। जैन धर्म में प्रचलित इस शब्द का प्रयोग हिन्दी साहित्य में किया गया है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- पुस्तक- पौराणिक कोश |लेखक- राणा प्रसाद शर्मा | पृष्ठ संख्या- 561
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