गार्हपत संस्था, गृहपति, वंश, अकुल, श्रोत्रियकुलीन, कुलीन, महाकुल, संयुक्त, ज्ञाति, सनाभि, सपिंड, गोत्र पदवी, महाप्रवरकांड, सगोत्र, बंधु, जनपद, मालवीय, राजन्य, अभिषिक्तवंश्य, जनपदिन्, जन, कबरी, केशवेश, ग्रैवेयक, कर्णिका (अलंकरण), ललाटिका, उय्यानकीडा, श्रमण, कुमारप्रव्रजिता, कुमारश्रमणा, आचार्या, माणविका, काशकृत्स्ना, आपिशला, पाणिनीया, बह्वृची, कठी, आयन, हृद्य, दिधिषू पति, कल्याणिनेय, भद्र मातुर
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