अनालंब
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महाभारत के अनुशासन पर्व में इस तीर्थ का नैमिषारण्य के साथ उल्लेख है जिससे इसकी स्थिति का कुछ अनुमान किया जा सकता है।
'मतंगवाप्यां य: स्नानादेकरात्रेण सिद्धयति विगाहति ह्यनालंबमंधकं वै सनातनम्'[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 20| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ अनुशासन पर्व महाभारत, 25, 32
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