एकियन

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एकियन्‌ एकियाई आर्य जाति की एक शाखा, जो अत्यंत प्राचीन काल में ग्रीस देश में बसी हुई थी। इस जाति का सर्वप्रथम उल्लेख प्राचीन खत्तियों और मिस्रियों के ग्रंथों में ई.पू. 1400-1200 शताब्दियों में मिलता है। इन लेखों में उनको अक्खियावा कहा गया है। इस समय ये लोग लघु एशिया के पश्चिमी भागों में और लेस्बस्‌ द्वीप में बसे हुए थे। इनकी सामुद्रिक शक्ति बहुत महत्वपूर्ण थी तथा इनके नेता का नाम अत्तर्सियस्‌ था। उनके कीप्रस्‌ (साइप्रस) और पांफ़िलिया में होने का भी आभास मिलता है।

इसके पश्चात्‌ होमर की रचना ईलियद् में [1] इन लोगों का उल्लेख मिलता है और अखिलोस तथा अगामेम्‌नोन्‌ के सैनिकों के लिए इस शब्द का प्रयोग विशेषरूप से किया गया है। इस समय यह जाति पेलोपोनेसस्‌ में तथा वहाँ से उत्तर दिशा में थेसाली तक के प्रदेश पर अपना आधिपत्य रखती है। अतएव कुछ आलोचकों के अनुसार होमर इस शब्द का प्रयोग (आगे चलकर हेलेनेस्‌ शब्द के प्रयोग के समान) समस्त ग्रीक जाति के लिए करता था।

ग्रीक साहित्य के स्वर्णयुग[2] में ये लोग पेलोपोनेस्‌ के उत्तर समुद्री तट की उस पट्टीपर बसे हुए थेजोकोरिंथ की खाड़ी और अर्कादिया के उत्तरी पर्वतों के मध्य स्थित है। इन लोगों ने इटली के दक्षिण में कई उपनिवेश भी बसाए थे।[3]

यह जाति अखाइया प्रदेश में कहाँ से आकर बसी, मूलत: इसकी भाषा क्या थी और इस जाति के लोगों का रूपरंग और शारीरिक गठन किस प्रकार का था, ये सभी प्रश्न विवादास्पद हैं। पर अधिकांश विद्वानों का मत है कि इनकी भाषा आर्य परिवार की भाषा थी और ये गौर वर्ण के रूपवान्‌ लोग थे। ऐतिहासिक काल में इन्होंने अपनी एक लीग संगठित की थी जो शक्तिशाली संगठन था।[4]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (ई.पू.900के आसपास)
  2. (क्लासिकल युग, ई.पू. 500 से ई.पू. 322 तक)
  3. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 213 |
  4. सं.ग्रं.-ई. कुर्तियस्‌ : पैलोपोनेसस्‌, 18581।

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