एस्पिरिन
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
एस्पिरिन का रासायनिक नाम ऐसिटाइल सैलिसिलिक एसिड है। यह प्रथम बार 1890 में बनाया गया। यह ज्वरनाशक तथा पीड़ानाशक है और चिकित्सा में मुख्यत: पीड़ोपचार में प्रयुक्त होता है। सिर दर्द, पैशिक तथा वातजन्य पीड़ा और जुकाम में यह उपयोगी है। कदाचित यह सबसे अधिक प्रयुक्त तथा निर्दोष पीड़ानाशक द्रव्य है। 0.6 ग्राम की एक मात्रा के बाद पीड़ा से आराम शीघ्र होता है तथा दो, तीन घंटे तक इसका प्रभाव रहता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 289 |