भारतीय औषधि प्रणाली
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भारत सरकार की केन्द्रीय कैबिनेट ने हाल ही में भारतीय औषधि प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग बिल, 2018 को मंज़ूरी दे दी है। यह बिल केन्द्रीय भारतीय औषधि परिषद् का स्थान लेगा।
बिल की मुख्य विशेषताएं
- इस बिल में चार स्वायत्त बोर्ड के साथ राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की व्यवस्था की गयी है।
- आयुर्वेद शिक्षा की देखभाल का कार्य आयुर्वेद बोर्ड द्वारा किया जायेगा।
- यूनानी, सिद्ध तथा सोवारिग्पा की शिक्षा की देखभाल यूनानी, सिद्ध तथा सोवारिग्पा बोर्ड द्वारा की जाएगी।
- भारतीय औषधि प्रणाली की शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों को अनुमति देने तथा उनके मूल्यांकन का कार्य मूल्यांकन व रेटिंग बोर्ड द्वारा किया जायेगा।
- भारतीय औषधि प्रणाली के प्रैक्टिशनर का नैतिक व पंजीकरण बोर्ड भारतीय औषधि प्रणाली से सम्बंधित नैतिक मामलों के लिए नेशनल रजिस्टर का प्रबंधन करेगा।
- सभी स्नातकों को प्रैक्टिस के लिए एक कॉमन एंट्रेंस व एग्जिट टेस्ट पास करना होगा, इसके बाद ही प्रैक्टिसिंग लाइसेंस प्रदान किया जायेगा।
- इस बिल में अध्यापकों के लिए “अध्यापक योग्यता परीक्षा” का प्रावधान रखा गया है, इसके द्वारा नियुक्ति व पदोन्नति से पहले अध्यापकों के स्तर का मूल्यांकन किया जा सकेगा।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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