लॉकडाउन
लॉकडाउन (अंग्रेज़ी: Lockdown) एक आपातकालीन व्यवस्था होती है। यदि किसी क्षेत्र में लॉकडाउन हो जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। यह एक तरह से कर्फ्यू वाली स्थिति होती है; लेकिन कर्फ्यू में सभी लोगों को कुछ समय के लिए घर से बाहर निकलकर जरूरी सामानों की खरीदारी की छूट दी जाती है। लॉकडाउन में एक घर से एक से ज्यादा लोगों के घर से बाहर निकलने की छूट नहीं मिलती।
- दरअसल लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था है, जो किसी आपदा के समय शहर में सरकारी तौर पर लागू होती है। लॉकडाउन की स्थिति में उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। उन्हें सिर्फ दवा या अनाज जैसी आवश्यक चीजों के लिए ही घर से बाहर आने की इजाजत दी जाती है। लेनदेन के लिए बैंक से पैसा निकालने के लिए भी जा सकते हैं।[1]
क्यों होता है लॉकडाउन
किसी तरह के खतरे से नागरिकों और किसी इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन किया जाता है। किसी बड़ी युद्ध की स्थिति हो या फिर महामारी, ऐसे में ही प्रभावित क्षेत्रों को लॉकडाउन किया जाता है। वर्तमान में कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे विश्व के लिए एक महामारी बन चुका है। ऐसे में दुनिया के कई देशों ने लॉकडाउन के माध्यम से इसके संक्रमण को बढ़ने से रोका है। यहां तक की जहां से इस वायरस (विषाणु) की शुरुआत हुई थी, यानी चीन में भी लॉकडाउन के बाद ही इस पर नियंत्रण पाया जा सका। वैज्ञानिकों का मानना है कि जिन जगहों पर संक्रमण पैदा करने वाली वायरस होते हैं, वहां लोग जब एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं तो संक्रमित हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन या सरकारें लॉकडाउन की घोषणा कर देती हैं और लोगों के घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी जाती है।
कब-कब हुआ लॉकडाउन
- अमेरिका में 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद वहां तीन दिन का लॉकडाउन किया गया था।
- दिसंबर 2005 में न्यू साउथ वेल्स पुलिस फोर्स ने दंगा रोकने के लिए लॉकडाउन किया था।
- 19 अप्रैल, 2013 को बोस्टन शहर को आतंकियों की खोज के लिए लॉकडाउन कर दिया गया था।
- नवम्बर 2015 में पेरिस हमले के बाद संदिग्धों को पकड़ने के लिए साल 2015 में ब्रुसेल्स में पूरे शहर को लॉकडाउन किया गया था।[1]
क्या-क्या खुलेगा
दूध, सब्जी और दवा की दुकानें लॉकडाउन के दौरान खुले रहेंगे। अस्पताल और क्लीनिक भी इस दौरान खुले रहेंगे। इसके अलावा राशन की दुकानें भी खुली रहेंगी। किसी बेहद जरूरी काम के लिए भी प्रशासन की ओर से छूट मिल सकती है। सरकार ने पेट्रोल पंपों और एटीएम को आवश्यक श्रेणी में रखा है, ऐसे में जरूरत के हिसाब से इन्हें खोला जा सकता है। अगर बहुत जरूरी हो तो लॉकडाउन में भी निजी वाहनों का प्रयोग किया जा सकता है। हालांकि बिना वजह बाहर घूमने पर सरकार कार्रवाई कर सकती है। आपात स्थिति में एंबुलेंस को भी बुला सकते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 जानें क्या होता है लॉकडाउन, क्या होगा बंद, क्या रहेगा खुला (हिंदी) prabhatkhabar.com। अभिगमन तिथि: 23 मार्च, 2020।