मणिपुरी साहित्य

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:20, 3 नवम्बर 2020 का अवतरण (''''मणिपुरी साहित्य''' का लिखित अस्तित्व अष्टम शताब्द...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

मणिपुरी साहित्य का लिखित अस्तित्व अष्टम शताब्दी से प्राप्त होता है। साहित्य की यात्रा 1925 में फाल्गुनी सिंह द्वारा मीताई तथा बिष्णुप्रिया मणिपुरी भाषा की द्बिभाषिक सामयिकी जागरन के प्रकाशन के रूप में आरम्भ हुई।

  • सन 1973 से अब तक 39 मणिपुरी साहित्यकारों को साहित्य अकादमी पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
  • मणिपुरी साहित्य में वैष्णव भक्ति तथा मणिपुर की कला, संस्कृति झलकती है।
  • कहानी, उपन्यास, काव्य, प्रवास वर्णन, नाटक आदि सभी विधाओं में मणिपुरी साहित्य ने अपनी पहचान बनाई है।
  • मणिपुरी साहित्य की यात्रा 1925 में फाल्गुनी सिंह द्वारा मीताई तथा बिष्णुप्रिया मणिपुरी भाषा की द्बिभाषिक सामयिकी जागरन के प्रकाशन के रूप में आरम्भ हुई। इसी समय और भी कई द्बिभाषिक पत्रिकाएँ प्रकाशित हुईं। इनमें 'मेखली', 'मणिपुरी', 'क्षत्रिय ज्योति' इत्यादि हैं।
  • बांग्ला लिपि में लिखी जाने वाली मणिपुरी को विष्णुप्रिया मणिपुरी भी कहा जाता है, जो मेइतेइ भाषा से अलग है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख