कुंदनकारी

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कुंदनकारी

कुंदन के आभूषण बनाने की कला को 'कुंदनकारी' कहते हैं। राजस्थन का जयपुर कुंदन के आभूषणों के लिए प्रसिद्ध है।

  • 'कुंदन' शब्द का अर्थ है- अत्यन्त परिशुद्ध सोना। इसमें अत्यन्त परिष्कृत पिघला हुआ सोना उपयोग में लाया जाता है।
  • कुंदन को 'बीकानेरी आभूषण' या 'जयपुरी आभूषण' भी कहते हैं। इसके पिछले भाग में विविध रंगों और डिजाइनों की इनेमल किया जाता है जबकि सामने के भाग पर कुंदन लगे होते हैं।

इन्हें भी देखें: राजस्थानी कला, राजस्थानी धातु एवं काष्ठ कला एवं राजस्थान की हस्तकला


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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