प्रभा अत्रे

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प्रभा अत्रे (अंग्रेज़ी: Prabha Atre, जन्म- 13 सितम्बर, 1932) भारत की किराना घराने की प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय संगीत गायिका हैं। शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाना उनका सपना है और उनका मानना है कि इसके लिये सभी को मिलकर काम करना होगा। किराना घराने की सशक्त हस्ताक्षर ‘स्वरयोगिनी’ प्रभा अत्रे को संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिये देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण (2022) से सम्मानित किया गया है। प्रभा अत्रे भारतीय शास्त्रीय संगीत के विषय पर संगीत पढ़ाती रही हैं, व्याख्यान-प्रदर्शन करती रही हैं और लिखती रही हैं। विदेशों में कई यूनिवर्सिटीज़ वे विज़िटिंग प्रोफेसर रही हैं। उनके नाम 11 पुस्तकें (एक चरण से) जारी करने का विश्व रिकॉर्ड है।

महारत

मूल रूप से महाराष्ट्र के पुणे जिले में जन्मी प्रभा अत्रे ने शास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक जाना माना नाम है। प्रभा शास्त्रीय परंपरा की शीर्ष गायिकाओं में से एक हैं। वैश्विक स्तर पर भारतीय शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने में प्रभा अत्रे की अहम भूमिका रही है। प्रभा अत्रे उन दुर्लभ कलाकारों मे से हैं जिन्हें अलग अलग तरह के संगीत के विधाओं में महारत हासिल है। जैसे खयाल, ठुमरी, दादरा, गजल और गीत इत्यादी।

शिक्षण

प्रभा अत्रे की शैक्षणिक शिक्षा के विषय में बात की जाए तो उन्होंने साइंस से ग्रेजुएशन के साथ साथ लॉ की शिक्षा भी ली है। वह गंधर्व विद्यालय से संगीत अलंकार हैं। साथ ही उनके पास संगीत डॉक्टरेट की डिग्री भी है। उन्होंने लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज से वेस्टर्न म्यूजिक की भी शिक्षा ली है। प्रभा अत्रे ने संगीत के विभिन्न विषयों पर अलग-अलग पुस्तकें लिखी हैं। उनके द्वारा लिखी गई पहली किताब 'स्वरामयी' है। स्वरामयी उसके संगीत पर लिखे गए लेख का एक संकलन है। शास्त्र संगीत को दुनिया भर में एक नई पहचान देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया है। बता दें कि श्रीमती प्रभा अत्रे के अलावा इस बार दिवंगत पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत, बीजेपी के दिवंगत नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और राधेश्याम खेमका को पद्म विभूषण अवार्ड इस साल दिया जा रहा है। इन चारों लोगों को ये अवार्ड मरणोपरांत दिया जा रहा है।



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