नरेश भारतीय
नरेश भारतीय (अंग्रेज़ी: Naresh Bhartiya, जन्म- 21 मई, 1940, फिरोजपुर, पंजाब) भारतीय मूल के हिंदी लेखक हैं जो ब्रिटेन से हैं। काफ़ी लम्बे समय से वह बी.बी.सी. रेडियो हिन्दी सेवा से जुड़े रहे। उनके लेख भारत की प्रमुख पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। पुस्तक रूप में उनके लेख संग्रह 'उस पार इस पार' के लिए उन्हें 'पद्मानंद साहित्य सम्मान' (2002) प्राप्त हो चुका है। नरेश भारतीय को साल 2001 डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
परिचय
नरेश भारतीय का जन्म 21 मई, 1940 को ज़िला फिरोजपुर, पंजाब में हुआ था। सन 1960 में पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक और 1986 में लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिनिस्टर से मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया।[1]
कार्यक्षेत्र
नरेश भारतीय का विदेश गमन जनवरी 1964 में हुआ। तभी से लंदन महानगर की क्षेत्रीय परिषद में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी पद पर रहने के 31 वर्ष बाद कार्यमुक्त हुए। इसी कालखंड में हिंदी पत्रकारिता में भी कदम आगे बढ़ाते हुए अनेक महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यों में योगदान किया। कई भारतीय संस्थाओं में भी पदाधिकारी रहे।
लेखन
उनकी पहली रचना एक कहानी 'सलाखों के पीछे' वीर अर्जुन में छपी, जब वह 1956-1960 में डिग्री कालेज के छात्र थे। नरेश भारतीय कॉलेज पत्रिका के छात्र संपादक रहे। सन 1967 में लंदन से सर्वप्रथम हिंदी-इंग्लिश द्विभाषिक पत्रिका 'चेतक' का प्रकाशन प्रारंभ किया और उसके संपादक रहे। 1969-1975 में भारत की हिंदी संवाद संस्था हिंदुस्तान समाचार समिति के लंदन संवाददाता भी रहे।
भारत और ब्रिटेन के सामाजिक तथा राजनीतिक परिवेश पर नरेश भारतीय के महत्वपूर्ण विश्लेषणात्मक टिप्पणियाँ व लेख संस्मरण भारत की अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुये। सन 1968 से नरेश अरोड़ा के मूल नाम से उनका स्वर भी ध्वनि तरंगों पर विश्व भर के हिंदी श्रोता लंदन से एक अंतर्राष्ट्रीय रेडियो प्रसारक के नाते निरंतर सुनते आए हैं।[1]
प्रकाशित रचनाएँ
- सिमट गयी धरती - उपन्यास सम संस्मरणात्मक आत्मकथ्य (2000)
- टेम्ज के तट से - लेख संस्मरण संग्रह (2001) भारत और अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर।
- उस पार इस पार - लेख संस्मरण संग्रह (2001) भारत और ब्रिटेन के सामाजिक परिवेश पर।
सम्मान
- नई दिल्ली में 11 अक्तूबर, 2002 को महामहिम राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वारा नरेश भारतीय को केंद्रीय हिंदी संस्थान का अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सेवी सम्मान एवं डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार (2001) प्रदान किया गया।[1]
- लंदन में वर्ष 2002 में ही लेख संस्मरण संग्रह 'उस पार इस पार' के लिए 'पद्मानंद साहित्य सम्मान' मिला।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 नरेश भारतीय (हिंदी) abhivyakti-hindi.org। अभिगमन तिथि: 09 अक्टूबर, 2022।
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