अनन्तर

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अनन्तर (विशेषण) [नास्ति अंतरं यस्य-न. ब.]

1. अन्तर-रहित, सीमारहित
2. जिसके बीच देश काल का कोई अन्तर न हो, सटा हुआ, लगा हुआ।
3. संसक्त, पड़ोस का, बिल्कुल मिला हुआ, निकटवर्ती (अपादान के साथ)।
4. अनुवर्ती, सन्निहित होना (समास में)
5. अपने से ठीक नीचे के वर्ण का,-रम्
1. संसक्तता, सन्निकटता
2. ब्रह्म, परमात्मा, रम् (अव्य.) तुरन्त बाद, पश्चात्
3. (संबंधवाचकता की दृष्टि से) बाद में, (अपादान के साथ)


सम.- या -जा 1. क्षत्रिय या वैश्य माता में, अपने से ठीक ऊपर के वर्ण के पिता के द्वारा उत्पन्न सन्तान 'तरपरिया' भाई बहिन (-जा) छोटी या बड़ी बहन इसी प्रकार °जात।[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 35 |

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