अपत्यम्‌

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:21, 3 अक्टूबर 2023 का अवतरण (''''अपत्यम्''' (नपुं.) [न पतन्ति पितरोऽनेन-नञ्+पत्+यत्] ::1....' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

अपत्यम् (नपुं.) [न पतन्ति पितरोऽनेन-नञ्+पत्+यत्]

1. सन्तान, बच्चे, प्रजा, संतति (मनुष्यों की और पशुओं की), बेटा या बेटी; एक ही कुल में उत्पन्न पुत्र, पौत्र तथा प्रपौत्र आदि। अपत्यवाचक प्रत्यय।


सम.-काम (विशेषण) सन्तान का इच्छुक,-पथः (पुल्लिंग) योनि,-प्रत्ययः (पुल्लिंग) अपत्यवाची प्रत्यय,-विक्रयिन् (विशेषण) सन्तान का विक्रेता, वह पिता जो धन के लालच से अपनी कन्या को भावी जामाता के हाथ बेच देता है;-शत्रुः (पुल्लिंग) 1. केंकड़ा 2. साँप[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 63 |

संबंधित लेख