अरे

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:42, 2 नवम्बर 2023 का अवतरण (''''अरे''' (अव्य.) [ऋ+ए] *एक संबोधनात्मक अव्यय- ::(क) छोटों को...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

अरे (अव्य.) [ऋ+ए]

  • एक संबोधनात्मक अव्यय-
(क) छोटों को बुलाने के लिए-आत्मा वा अरे द्रष्टव्यः श्रोतव्यः, न वा अरे पत्युः कामायास्याः पतिः प्रियो भवति-शत. (याज्ञवल्क्य ने अपनी पत्नी मैत्रेयी से कहा)
(ख) क्रोधावेश में-अरे महाराजं प्रति कुतः क्षत्रियाः-उत्तर. 4
(ग) ईर्ष्या प्रकट करने के लिए[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 101 |

संबंधित लेख