अवष्टम्भमय
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अवष्टम्भमय (विशेषण) (स्त्रीलिंग-यी] [अवष्टम्भ+मयद्]
- सुनहरा, सोने का बना हुआ, अथवा खंभे के बराबर लंबा,-रघोरवष्टम्भमयेन पत्रिणा-रघु. 3/53 (अ° का अर्थ उपर्युक्त ढंग से किया जाता है, परन्तु प्रस्तुत प्रसंग में इसका अर्थ होगा 'ओजस्वी, साहसी')।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 123 |
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