अवाक्‌

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:15, 20 मई 2024 का अवतरण (''''अवाक्''' (अव्य.) [अव+अंच्+क्तिन्] 1. नीचे की ओर 2. दक्षिण...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

अवाक् (अव्य.) [अव+अंच्+क्तिन्]

1. नीचे की ओर

2. दक्षिणी, दक्षिण की ओर


समस्त पद-ज्ञानम् (नपुंसक लिंग) अनादर,-भव (विशेषण) दक्षिणी,-मुख (विशेषण) (स्त्रीलिंग-खी) 1. नीचे की ओर देखने वाला-अवाङ्‌-मुखस्योपरि पुष्पवृष्टि‌:[1], 2. सिर के बल-शिरस्‌ (विशेषण) नीचे को सिर लटकाये हुए-स मूढो नरकं याति कालसूत्रम-वाक्‌सिरा[2][3]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. -रघु. 2/60, 15/78
  2. -मनुस्मृति 3/249, 8/94
  3. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 125 |

संबंधित लेख