अहह

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:48, 30 मई 2024 का अवतरण (''''अहह''' (अव्य.) [अहं जहाति इति-हा+क पृषो.]<ref>{{पुस्तक संदर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

अहह (अव्य.) [अहं जहाति इति-हा+क पृषो.][1]

  • विस्मयादि द्योतक निपात निम्नांकित अर्थों में प्रयुक्त होता है-
(क) शोक, खेद-अहह कष्टमपण्डितता विधेः[2], अहह ज्ञानराशिर्विनष्ट:-मुद्रा 2
(ख) आश्चर्य, विस्मय-अहह महतां निस्सीमानश्चरित्रविभूतय:-भर्तु. 2/35,36
(ग) दया-तरस-भामि. 4/39
(घ) बुलाना
(ङ) थकावट


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 144 |
  2. -भर्तृ. 0/92, 3/11

संबंधित लेख