रोहिताश्व

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:06, 16 नवम्बर 2010 का अवतरण (Adding category Category:पौराणिक कोश (Redirect Category:पौराणिक कोश resolved) (को हटा दिया गया हैं।))
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
  • सत्यवादी हरिश्चन्द्र डोम के हाथ बिक गये थे और तारामती एक ब्राह्मण के यहाँ दासी का काम करने लगीं।
  • वहाँ रोहिताश्व की सर्प-दंश से मृत्यु हो गयी।
  • अत: इनकी माता इन्हें श्मशान लेकर पहुँची, जहाँ डोम द्वारा नियुक्त हरिश्चन्द्र ने 'कर' माँगा।
  • शैव्या के पास कर चुकाने के लिए बालक का कफ़न भी नहीं था किन्तु कर्त्तव्यारूढ़ हरिश्चन्द्र बिना 'कर' लिये दाह नहीं करने दे रहे थे।
  • उनकी सत्यनिष्ठा से प्रसन्न होकर इन्द्र प्रकट हुए और विश्वामित्र ने परीक्षा में सफल हरिश्चन्द्र के पुत्र को रोहिताश्व को जीवित कर दिया।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध