हिंदी अकादमी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के संवर्द्धन, प्रचार-प्रसार और विकास के उद्देश्य से 1981 में तत्कालीन दिल्ली प्रशासन ने 'स्वायत्तशासी संस्था' के रूप में 'हिन्दी अकादमी' की स्थापना की। हिन्दी अकादमी की स्थापना दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग के निर्देशन में हुई। मुख्यमंत्री, दिल्ली दो वर्ष की अवधि के लिए हिन्दी अकादमी की संचालन-समिति गठित करती हैं। अकादमी की संचालन-समिति के सदस्यों के रूप में 25 जाने-माने साहित्यकार, लेखक, विशेषज्ञ, पत्रकार आदि नामांकित किए जाते हैं। यह समिति सभी योजनाओं, प्रस्तावों और बजट का अनुमोदन करती है। इसके अतिरिक्त अकादमी में समय-समय पर विभिन्न कार्यों के निष्पादन और निर्णय के लिए अलग-अलग समितियां बनायी जाती हैं जो यह सुनिश्चित करती हैं कि योजनाओं के अंतर्गत लाभ उठाने वालों के चयन में निष्पक्षता रहे।[1]
उद्देश्य एवं लक्ष्य
हिन्दी अकादमी की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य हिन्दी भाषा और साहित्य के विकास से संबंधित कार्यक्रमों को कार्यरूप में लाना है। इसके अन्तर्गत जहाँ दिल्ली के प्राचीन तथा वर्तमान उत्कृष्ट साहित्य का संकलन, परिरक्षण तथा उसके सृजन के लिए प्रोत्साहन का कार्य सम्मिलित है। वहीं राजभाषा के रूप में हिन्दी के नये स्वरूप से संबंधित शोध कार्य भी उसमें सम्मिलित हैं, जिससे कि दिल्ली के साहित्यकारों को उत्कृष्ट साहित्य के सृजन के लिए प्रोत्साहन मिले, पुराना और दुर्लभ साहित्य सुरक्षित किया जा सके और नये साहित्यकारों के लिए योजनाओं और दिशाओं की खोज की जा सके। अकादमी के उद्देश्य एवं लक्ष्य निम्न प्रकार हैं
- दिल्ली के साहित्यिक और सांस्कृतिक विकास के संदर्भ में हिन्दी भाषा और साहित्य का संवर्धन तथा परिरक्षण करना।
- दिल्ली के वयोवृद उच्च कोटि के हिन्दी साहित्यकारों और प्रतिष्ठित विद्वानों का सम्मान।
- हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ कृतियों और बाल साहित्य के लिए प्रतिवर्ष सम्मान एवं पुरस्कार ।
- साहित्यिक पत्रिका का प्रकाशन।
- हिन्दी भाषा और साहित्य के विकास के लिए यथासमय भाषा सम्मेलन तथा विचार-गोष्ठी आयोजित करना।
- उत्कृष्ट कृतियों के प्रकाशन के लिए ऐसे साहित्यकारों को वित्तीय सहायता देना जो स्वयं प्रकाशन व्यवस्था न कर सकते हों।
- ऐसे पुस्तकालयों की स्थापना करना जिसमें साहित्य की मूल कृतियाँ, संदर्भ ग्रंथ, शब्दकोष तथा हिन्दी साहित्य की आलोचनात्मक पुस्तकें उपलब्ध हों।
- हिन्दी के प्रचार-प्रसार में कार्य कर रही ऐसी स्वैच्छिक संस्थाओं को, कार्यक्रमों, लघु समाचार पत्र पत्रिकाओं को विज्ञापनों के माध्यम से सहायता अनुदान देना जिनका कार्य वास्तव में हिन्दी के विकास तथा हिन्दी साहित्य की वृद्धि की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- रोज़गारोन्मुखी कार्यक्रमों का संचालन जिनमें कंप्यूटर, हिन्दी आशुलिपि, टंकण, प्रशिक्षण आदि मुख्य हैं।
- महत्वपूर्ण एवं उपयोगी साहित्यिक तथा शैक्षिक महत्व की पुस्तकों का अन्य भाषाओं से हिन्दी में अनुवाद करना। इसके अन्तर्गत उन कृतियों को सम्मिलित किया जाता है जो सांस्कृतिक समन्वय तथा राष्ट्रीय भावनात्मक एकता की दृष्टि से श्रेष्ठ साहित्य की कोटि में आती हो।
- समय-समय पर विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन।
- राष्ट्रीय एकता एवं भाषायी सौहार्द के उद्देश्य से देश के अन्य राज्यों में अंर्तभाषायी सम्मेलनों एवं यात्रा शिविरों का आयोजन।
योजनाएँ एवं कार्यक्रम
- छात्र प्रतिभा पुरस्कार
अकादमी प्रतिवर्ष राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के विद्यालयों के माध्यमिक और उच्चत्तर माध्यमिक की वार्षिक परीक्षा में हिन्दी विषय (कोर्स-ए.बी.इलैक्टिक और कोर अलग-अलग) में 85 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत करती है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विद्यार्थियों के लिए नियमानुसार अंकों में 5 प्रतिशत की छूट दी जाती है। अनुसूचित जाति, जनजाति एवं विकलांग विद्यार्थियों को जाति एवं विकलांगता प्रमाण-पत्र की सत्यापित प्रति अपने आवेदन के साथ जमा करन होती है, जिससे कि इन विद्यार्थियों को इस छूट का लाभ मिल सके। विद्यार्थी अपना आवेदन (जिसमें विद्यार्थी का नाम, पिता का नाम, आवास, विद्यालय का पूरा पता, पिन कोड संख्या, दूरभाष का सही उल्लेख केवल हिन्दी में हों) तथा अंक तालिका की फोटो प्रति जो विद्यालय के प्रधानाचार्य से सत्यापित हो। विज्ञापन प्रकाशित होने के उपरांत किसी भी कार्य दिवस में केवल दस्ती रूप में अकादमी के कार्यालय में जमा करानी होती है। आवेदन जमा करते समय अंक तालिका की मूल प्रति भी अकादमी को अवश्य दिखानी होगी। निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाता है।
- आशुलेखन प्रतियोगिता
दिल्ली के विद्यालयों महाविद्यालयों के विद्यार्थियों तथा 18 से 35 वर्ष तक की आयु के युवाओं के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिससे प्रतियोगिता स्थान पर दिये गये विषय के आधार पर प्रतियोगिता को कहानी, कविता, निबंध में से किसी एक विधा पर लिखना होता है। विद्यालय स्तर पर यह प्रतियोगिता तीन वर्गों में विभाजित होती है तथा 18 से 35 वर्ष तक के वे रचनाकार जो किसी भी शिक्षण संस्थान में अध्ययनरत नहीं हैं उन्हें भी 18 से 25 तथा 26 से 35 दो वर्गों में विभाजित किया जाता है। गत वर्ष इस प्रतियोगिता का आयोजन के लिए दिल्ली में विभिन्न जगहों पर 12 केन्द्र निधारित किये गये थे। प्रतियोगियों की सुविधा के लिए प्रविष्टियाँ अकादमी द्वारा स्थापित केन्द्रों में सीधे आमंत्रित की जाती हैं, जो अपने परीक्षा केन्द्र में प्रतियोगिता के आयोजन की सफलता को सुनिश्चित करता है। प्रतियोगिता के उपरान्त सभी उत्तर पुस्तिका पर रोल नंबर अंकित किये जाते हैं। सभी उत्तर पुस्तिकाओं को विधा अनुरूप जाँच कार्य के लिए भेजा जाता है। प्रत्येक वर्ग और विधा की रचनाओं का जाँच का है। यह तीन विद्वानों से करवाया जाता है। तीनों जाँचकर्त्ताओं द्वारा दिये गये अंको के आधार पर योग्यता सूची तैयार की जाती है। तदुपरान्त ही पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। पुरस्कार घोषित होने के उपरान्त पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी पुरस्कृतों को घोषित पुरस्कार दिये जाते हैं। प्रतियोगिता की सूचना विज्ञापन के माध्यम से दी जाती है। पुरस्कार इस प्रकार प्रदान किये जाते है-
पुरस्कार श्रेणी | विद्यालय स्तर | महाविद्यालय स्तर | अन्य (गैर संस्थागत रचनाकार) | ||
कक्षा 6 से 8 | कक्षा 9 से 10 | कक्षा 11 से 12 | 18 से 25 वर्ष और 26 से 35 वर्ष | ||
प्रथम | 700 | 900 | 1100 | 2100 | 3100 |
द्वितीय | 500 | 600 | 700 | 1500 | 2500 |
तृतीय | 300 | 400 | 500 | 1100 | 2000 |
प्रोत्साहन | 200 | 250 | 300 | 500 | 1100 [2] |
- नवोदित लेखक पुरस्कार प्रतियोगिता
दिल्ली के 18 से 30 वर्ष तक की आयु के युवा रचनाकारों से उनकी मौलिक, अप्रकाशित एवं अपुरस्कृत कहानी, कविता एवं एकांकी विधा की रचनाएं विज्ञापन की माध्यम से आमंत्रित की जाती हैं। दो वर्गों में विभाजित (18 से 24 व 25 से 30 आयु वर्ग) इस प्रतियोगिता में प्रत्येक रचनाकार किसी भी एक विधा में भाग ले सकता है। रचनाएं प्राप्त होने के उपरान्त विधा अनुरूप रचनाओं की जाँच तीन अलग-अलग विद्वानों से करवायी जाती है। तीनों जाँचकर्त्ताओं से प्राप्त अंकों को जोड़कर सूची के आधार पर पुरस्कार निर्धारित किये जाते हैं। कुल पुरस्कारों की संख्या लगभग 40 है।
- राष्ट्रीय कवि सम्मेलन
प्रति वर्ष स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली के यमुना पार के किसी इलाके में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।
- अव्यवसायिक पत्रिका पुरस्कार
दिल्ली के सरकारी कार्यालयों, निकायों, उपक्रमों से प्रकाशित होने वाली हिन्दी की अव्यावसायिक पत्रिका के संपादकों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत उन सरकारी कार्यालयों की पत्रिकाएं सम्मिलित नहीं की जाती हैं जो केवल हिन्दी भाषा साहित्य, संस्कृति के विकास में कार्य कर रहे हैं। इस पुरस्कार के लिए पत्रिकाएं विज्ञापन के माध्यम से आमंत्रित की जाती है। पुरस्कारों का निर्णय संबंधित समिति की सिफारिश पर किया जाता है
- इंदिरा गाँधी जयंती पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन
इंदिरा गाँधी जयंती पर दिल्ली में इस राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है ।
- संगोष्ठियाँ
हिन्दी दिवस आदि अवसरों पर साहित्यकारों की अनेक विचार गोष्ठी, पर्व, नाटकों आदि का आयोजन भी समय-समय पर किया जाता है
- अंर्तभाषायी सम्मेलन
अहिन्दी भाषी क्षेत्र में हिन्दी के प्रचार-प्रसार और प्रोत्साहन के लिए अंर्तभाषायी सम्मेलनों का आयोजन दिल्ली व दिल्ली से बाहर अन्यत्र राज्य में किया जाता है ।
- संस्थागत सहयोग
दिल्ली के विद्यालयों, महाविद्यालयों में भाषा, वाद-विवाद, प्रश्न मंच, साहित्यिक गीत गायन, साहित्यकार परिचय साहित्यिक अंताक्षरी जैसी प्रतियोगिता का आयोजन समय-समय पर किया जाता है ।
दिल्ली सरकार के साथ संयुक्त कार्यक्रम
दिल्ली सरकार के निर्देश पर विभिन्न सम्मेलनों, विचार-गोष्ठी, कवि-सम्मलनों, मेलों के आयोजनों में सक्रिय भागीदारी रहती है।
- लोक पर्व
हिन्दी भाषी क्षेत्र की विलुप्त होती लोक कलाओं, संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता है, जिसके अंतर्गत लोक सांस्कृतिक कायर्क्रमों का आयोजन विभिन्न स्थानों पर किया जाता है ।
- प्रसाद पर्व
जयशंकर प्रसाद पर साहित्यिक सांस्कृतिक कायर्क्रम का आयोजन किया जाता है।
शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम
- हिन्दी कंम्प्यूटर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण दिल्ली के प्रत्याशियों (कोई आयु सीमा नहीं) के लिए हिन्दी कम्प्यूटर एवं हिन्दी आशुलिपि कार्यक्रम चलाये जाते हैं। प्रशिक्षण अवधि एक वर्ष तथा चयन साक्षात्कार के आधार पर किया जाता है। हिन्दी कम्प्यूटर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन निर्धारित प्रपत्र पर समाचार-पत्रों के माध्यम से जुलाई/अगस्त में आमंत्रित किए जाते हैं।
- निर्धारित योग्यताएँ एवं सूचनाएँ
- कम्प्यूटर पाठ्यक्रम के लिए अधिकतम कोई आयु सीमा नहीं।
- अनिवार्य योग्यता - बारहवीं उत्तीर्ण
- पाठ्यक्रम अवधि - एक वर्ष
- कुल सीट - 120 (प्रत्येक केन्द्र 40)
- समय- 10.00 बजे प्रातः से 6.00 बजे सायं तक (कुल चार बैच)
- शनिवार एवं रविवार को अवकाश
- फार्म प्राप्ति का माध्यम - जुलाई-अगस्त में निम्न पते पर सम्पर्क करें।
हिन्दी अकादमी, दिल्ली समुदाय भवन, पद्म नगर, दिल्ली-110007. दूरभाष - 23694562, 23693118
- शुल्क विवरण
- कम्प्यूटर शुल्क (सामान्य वर्ग) 3000/-रु0
- कम्प्यूटर शुल्क (आरक्षित वर्ग) 2500/-रु0
- पुस्तकालय फीस - 300/-रु0
- परीक्षा शुल्क - 750/-रु0
- कम्प्यूटर पाठ्यक्रम से संबंधित संक्षिप्त जानकारी
- प्रथम पेपर- कम्प्यूटर का परिचय, इनपुट आउटपुट सिस्टम, इनपुट आउटपुट डिवाइस, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, वायरस, बाइनरी
सिस्टम, लॉजिक सर्किट आदि विंडोज एक्सपी।
- द्वितीय पेपर - डी.टी.पी.- पेजमेकर, फोटाशॉप, कोरल ड्रॉ, ग्राफिक्स एवं मल्टीमीडिया की जानकारी, हिन्दी भाषा का प्रयोग एवं
हिन्दी कम्प्यूटर का विकास एवं सॉफ्टवेयर।
- तृतीय पेपर - नेटवर्किंग, एच.टी.एम.एल. की जानकारी, डी.एच.टी.एम.एल., सी.एस.एस., एक्स.एम.एल.,
वी.बी. स्क्रिप्ट, फंटजेज द्वरा वेबपेज का निर्माण इंटरनेट, चैट, ई-मेल करना, इंटरनेट में अन्य प्रायोगिक कार्य करना, ई-कॉमर्स की जानकारी।
- चतुर्थ पेपर - प्रायोगिक एवं प्रोजेक्ट।
अकादमी के प्रसार केन्द्र
अकादमी दिल्ली के निम्नलिखित स्थानों पर हिन्दी प्रसार केन्द्र चला रही है, जहाँ युवाओं को निःशुल्क हिन्दी टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण एवं पुस्तकालय और वाचनालय (हिन्दी भाषा और साहित्य की श्रेष्ठ पुस्तकों का संग्रह) की सुविधा उपलब्ध है। हिन्दी अकादमी, दिल्ली के हिन्दी प्रसार केन्द्र और प्रशिक्षण संस्थान भी हैं जो हिन्दी भाषा, साहित्य के साथ-साथ उनके तकनीकी पक्षों के विकास पर जोर देते हैं।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र
- पं. मदनमोहन मालवीय संदर्भ पुस्तकालय, समुदाय भवन, पदम नगर, किशनगंज, दिल्ली।
- मुबाकिरपुर डबास पुस्तकालय, मकान नं. 233, दिल्ली।
- मण्डल कार्यालय, शिक्षा विभाग, लखनऊ रोड, दिल्ली।
- गांधी भवन, 32 छात्रा मार्ग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली।
- प्राथमिक विद्यालय परिसर, महिपालपुर, नयी दिल्ली।
- आर्य समाज मन्दिर, नरेला, दिल्ली।
- सी-1/10, नगर निगम कार्यालय के समीप, कृष्णा नगर, दिल्ली।
- आर्ष गुरूकुल कन्या विद्यालय परिसर, नरेला, दिल्ली।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र, सनातन धर्म मन्दिर परिसर, हरिसिंह पार्क, न्यू मुल्तान नगर, दिल्ली।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र, महाकवि निराला सन्दर्भ पुस्तकालय, गगन भारती स्कूल परिसर, ओम विहार, उत्तम नगर, दिल्ली।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र, महादेवी वर्मा पुस्तकालय, ए एण्ड बी ब्लॉक, विकास समिति न्यू गोपाल नगर, ढासा रोड, नजफगढ़, नयी दिल्ली।
- समुदाय भवन, पॉकेट-बी एण्ड ई, दिलशाद गार्डन, दिल्ली।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र, जिला कारागार, रोहिणी, दिल्ली।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र, हॉस्टल एण्ड वोकेशनल ट्रेनिंग इन्स्ट्टीयूट फॉर ब्लाइंड गर्ल्स, बेगमपुर एक्सटेंशन, बेगमपुर गाँव, दिल्ली।
प्रशिक्षण संस्थान
अकादमी द्वारा चलाये जा रहे प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान हैं-
1-एक वर्षीय कम्प्यूटर, पाठ्यक्रम (शैक्षणिक योग्यता बारहवीं पास-हिन्दी विषय सहित)
(i) हिन्दी प्रसार केन्द्र, पदम नगर, किशनगंज, दिल्ली।
(ii) हिन्दी प्रसार केन्द्र, सी-1/10, कृष्णा नगर, दिल्ली।।
(iii) हिन्दी प्रसार केन्द्र, आर्ष गुरूकुल कन्या परिसर, नरेला, दिल्ली।
2-हिन्दी प्रसार केन्द्रों में टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण।
सम्मान और पुरस्कार
क्रमांक | सम्मान | पुरस्कार (धनराशि) |
---|---|---|
1 | हिन्दी अकादमी साहित्य शलाका सम्मान | 2 लाख |
2 | हिन्दी अकादमी विशिष्ठ योगदान सम्मान | 50 हजार |
3 | हिन्दी अकादमी काव्य सम्मान | 50 हजार |
4 | हिन्दी अकादमी गद्य विधा सम्मान | 50 हजार |
5 | हिन्दी अकादमी ज्ञान वैविध्य सम्मान | 50 हजार |
6 | हिन्दी अकादमी बाल साहित्य सम्मान | 50 हजार |
7 | हिन्दी अकादमी नाटक सम्मान | 50 हजार |
8 | हिन्दी अकादमी हास्य/व्यंग्य सम्मान | 50 हजार [3] |
राजधानी दिल्ली में हिन्दी भाषा एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार, विकास एवं संवर्द्धन में विशिष्ट योगदान के लिए हिन्दी के साहित्यकारों, पत्रकारों, कवियों, लेखकों आदि को सम्मान व पुरस्कार प्रदान किये जाते है। दिल्ली के साहित्यकारों, पत्रकारों, कवियों, लेखकों आदि से नाम आमंत्रित कर कार्यकारिणी समिति द्वारा उनके समग्र योगदान का मूल्यांकन करने के पश्चात् चयन किया जाता है। सम्मानों व पुरस्कारों का अब तक चली आ रही व्यवस्था इस प्रकार है।
शलाका सम्मान
हिन्दी जगत में सशक्त हस्ताक्षर के रूप में विख्यात तथा हिन्दी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में समर्पित भाव से काम करने वाले मनीषी विद्वानों और हिन्दी के विकास तथा संवर्धन में सतत संलग्न कलम के धनी, मानव मन के चितरों तथा मूर्धन्य साहित्यकारों के प्रति अपने आदर और सम्मान की भावना को व्यक्त करने के लिए हिन्दी अकादमी प्रतिवर्ष एक श्रेष्ठतम साहित्यकार को शलाका सम्मान से सम्मानित करती है। सम्मान स्वरूप, 1,11,111/-रुपये की धनराशि, प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह आदि प्रदान किये जाते हैं। अकादमी द्वारा अब तक निम्नलिखित साहित्यकारों को शलाका सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है:-
साहित्यकार सम्मान
यह सम्मान हिन्दी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में समग्र योगदान तथा विशिष्ट सेवा और राष्ट्र भाषा प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रहे उत्कृष्ट साहित्यकारों, पत्रकारों आदि को प्रदान किया जाता है। अकादमी का यह प्रयास रहा है कि वह ऐसे साहित्य कर्मियों की रचना धर्मिता, सृजनशीलता, मूल्य-चेतना और सामाजिक सांस्कृतिक एवं नैतिक दृष्टि से समृद्व साहित्य द्वारा की गई सेवाओं का सम्मान कर सके जिन्होंने आनन्द और ज्ञान के श्रोत को निरन्तरता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चूंकि साहित्यकार, समाज और साहित्य को समर्पित जीवनयापन करते हैं। इसके लिए अकादमी का दायित्व बनता है कि उनकी सेवाओं का सही अर्थों में सम्मान करते हुए उन्हें समाज में सर्वोच्च स्थान प्रदान करे। इस सम्मान के लिए चुने हुए विद्वानों, साहित्यकारों, पत्रकारों को सम्मान स्वरूप 21,000/-रुपये की धनराशि, प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह आदि प्रदान किये जाते हैं।
वर्ष | साहित्यकार |
---|---|
1986-87 | डॉ. रामविलास शर्मा |
1987-88 | श्री विष्णु प्रभाकर |
1988-89 | श्री गिरिजा कुमार माथुर |
1989-90 | श्री त्रिलोचन शास्त्री |
1990-91 | प्रो0 नामवर सिंह |
1994-95 | प्रो. विजयेन्द्र स्नातक |
1995-96 | डॉ. नरेन्द्र कोहली |
1996-97 | श्री कृष्ण चन्द्र शर्मा 'भिक्खु' |
1997-98 | श्री निर्मल वर्मा |
1998-99 | श्री गोपाल प्रसाद व्यास |
1999-2000 | श्री भीष्म साहनी |
2000-01 | सुश्री कृष्णा सोबती |
2001-2002 | श्री रामदरश मिश्र |
2002-2003 | श्री कमलेच्च्वर |
2003-2004 | श्री राजेन्द्र यादव |
2004-2005 | श्री नेमिचंद जैन |
2005-2006 | श्री कुंवर नारायण |
2006-2007 | श्रीमती मन्नू भण्डारी |
2007-2008 | श्री प्रभाद्गा जोच्ची [3] |
काका हाथरसी सम्मान
साहित्य में हास्य व्यंग्य का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इस विधा में थोड़े से शब्दों में संकेत के माध्यम से गहरी से गहरी बात को व्यंग्य-विनोद के द्वारा जन-जन तक पहुंचाई जाती है। इस तरह एक ओर तो तनावपूर्ण जीवन में थोड़ा हँसने-हँसाने का अवसर मिलता है तो दूसरी ओर आत्मचिंतन एवं आत्मावलोकन के लिए भी विवश करता है। सर्व साधारण को सरल सा दिखने वाला यह रचना कर्म बड़ी साधना एवं सूझ-बूझ का कार्य है। इन्हीं सब विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए हिन्दी अकादमी ने हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में विशिष्ट सेवा एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए काका हाथरसी सम्मान से सम्मानित किया जाता है। इसके अन्तर्गत हिन्दी के एक श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कवि/लेखक को यह सम्मान दिया जाता है। सम्मान स्वरूप 21,000/-रुपये की धनराशि प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह आदि प्रदान किये जाते हैं।
साहित्यिक कृति सम्मान
लेखक अपनी लेखनी के माध्यम से साहित्य द्वारा समाज के लिए एक शाश्वत सामग्री जुटाता है। जिसके पठन-पाठन से मनुष्य अतीत की जानकारी के साथ-साथ अपने वर्तमान व भविष्य को सुखद, समृद्धशाली एवं प्रगतिशील बनाने की दिशा में अग्रसर होता है। समाज के उत्थान व राष्ट्र और विश्व की प्रगति के उद्देश्य से लिखी गयी ऐसी साहित्यिक कृतियों को अकादमी द्वारा पुरस्कृत किया जाता है। समाज चेता सृजनधर्मी लेखकों और साहित्यकारों का सम्मान कर समाज में उनकी और उनके कृतित्व की पहचान कराना अकादमी अपना परम कर्त्तव्य समझती है। इसी आशय से प्रतिवर्ष रचनात्मक एवं उद्देश्यपूर्ण साहित्य सृजन के लिए विभिन्न विधाओं की पुस्तकों को पुरस्कृत करने के लिए चुना जाता है। विगत कुछ वर्षों से अकादमी ने साहित्यिक विधाओं के अतिरिक्त भारतीय वाड़्मय से राष्ट्र-चेतना एवं संस्कृति के पुनर्जागरण में सशक्त लेखन के साथ-साथ महत्वपूर्ण योगदान कर रहे लेखकों को भी सम्मानित करके इस दिशा में एक ठोस क़दम उठाया है। इस योजना के अन्तर्गत 'विशिष्ट कृति सम्मान एवं साहित्यिक कृति सम्मान' और 'बाल एवं किशोर साहित्य कृति सम्मान' दिया जाता है जो निम्न प्रकार हैं-
- विशिष्ट कृति सम्मान
वर्ष की चुनी हुई विशिष्ट कृति के लेखक/साहित्यकार को विशिष्ट कृति सम्मान दिया जाता है। सम्मान स्वरूप 21,000/-रुपये की धनराशि प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह आदि प्रदान किये जाते हैं।
- साहित्यिक कृति सम्मान
चुनी हुई स्तरीय एवं निर्धारित अवधि में प्रकाशित हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं की श्रेष्ठ पुस्तकों पर यह सम्मान दिया जाता है। सम्मान स्वरूप कृति के लेखक को 11,000/-रुपये की धनराशि प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह आदि प्रदान किये जाते हैं। लेखकों/प्रकाशकों से पुस्तकें समाचार-पत्रों में विज्ञापन देकर आमंत्रित की जाती हैं।
- बाल एवं किशोर साहित्य कृति सम्मान
बच्चों एवं किशोरों के लिए उपयोगी एवं ज्ञानवर्द्धक श्रेष्ठ पुस्तकों के लेखकों के लिए। सम्मान स्वरूप 11,000/-रुपये की धनराशि प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह आदि प्रदान किये जाते हैं। लेखकों/प्रकाशकों से पुस्तकें समाचार-पत्रों में विज्ञापन देकर आमंत्रित की जाती हैं।
विद्यालय हिन्दी शिक्षक सम्मान
हिन्दी अकादमी शिक्षक सम्मान के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली में विगत तीन वर्षों से हिन्दी विषय में अध्यापनरत माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं के शिक्षकों को सम्मानित/पुरस्कृत किया जाता है। इस योजना में शिक्षा निदेशालय के प्रत्येक जिले के सरकारी/अनुदान प्राप्त/केन्द्रीय विद्यालयों के दो पब्लिक स्कूलों के एक हिन्दी शिक्षक तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक हिन्दी शिक्षक को सम्मानित करती है। शिक्षक के 10वीं अथवा 12वीं कक्षा का गत तीन वर्षों का परीक्षा परिणाम अच्छा होना अनिवार्य है। सम्मान स्वरूप 51,00/-रूपये की राशि, प्रशस्ति-पत्र भेंट किया जाता है। पुरस्कृत प्रत्येक शिक्षक के विद्यालय को पुस्तकालय के लिए 2,100/-रूपये के मूल्य की साहित्यक पुस्तकें भेंट की जाती हैं।
नवोदित लेखक पुरस्कार
हिन्दी अकादमी सदैव युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देती है और वास्तव में हिन्दी साहित्य को इनसे बड़ी आशाएं हैं जो स्थापित साहित्यकार हैं, प्रतिभा के धनी हैं और जिन्होंने हिन्दी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। उनका सम्मान तो सर्वत्र होता ही है और होना भी चाहिए। परन्तु ऐसे साहित्यिक वट वृक्षों की छाया में पनप रही नयी पौध को भी प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। अकादमी प्रतिभाशाली युवा लेखकों और कवियों को उनके समुचित साहित्यिक विकास के लिए प्रोत्साहन देने के उद्धेच्च्य से 'नवोदित लेखक पुरस्कार प्रतियोगिता' के अन्तर्गत करती है। अकादमी द्वारा यह प्रतियोगिता दो आयु वर्गो में आयोजित की जाती है। प्रथम वर्ग 18 वर्ष से 24 वर्ष तक तथा द्वितीय वर्ग 25 वर्ष से 30 वर्ष तक के युवा लेखकों के कहानी, कविता, एकांकी व लेख आदि की चुनी हुई श्रेष्ठ रचनाओं के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है। पुरस्कार राशि प्रथम 3,100/-, द्वितीय 2,500/-, तृतीय 2,000/- तथा प्रोत्साहन 1,100/- रूपये।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी अकादमी, दिल्ली (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 13 नवंबर, 2010।
- ↑ योजनाएँ एवं कार्यक्रम (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 14 नवंबर, 2010।
- ↑ 3.0 3.1 सम्मान और पुरस्कार (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 14 नवंबर, 2010।