वरुण देवता

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वरूण / Varun

  • सर्वप्रथम समस्त सुरासुरों को जीत कर राजसूय-यज्ञ जलाधीश वरूण ने ही किया था।
  • वरूण सम्पूर्ण सम्राटों के सम्राट हैं।
  • वरूण पश्चिम दिशा के लोकपाल और जलों के अधिपति हैं।
  • पश्चिम समुद्र-गर्भ में इनकी रत्नपुरी विभावरी है।
  • वरूण का मुख्य अस्त्र पाश है।
  • वरूण के पुत्र पुष्कर इनके दक्षिण भाग में सदा उपस्थित रहते हैं।
  • अनावृष्टि के समय भगवान वरूण की उपासना प्राचीन काल से होती है। ये जलों के स्वामी, जल के निवासी हैं।
  • श्रुतियों में वरूण की स्तुतियाँ हैं।
  • कुछ आचार्यों के मत से केवल देवराज इन्द्र का पद कर्म के द्वारा प्राप्त होता है।
  • वरूण, कुबेर, यम आदि लोकपाल कारक-कोटि के हैं।
  • वरूण भगवान के ही स्वरूप हैं।