"दृष्टफल" के अवतरणों में अंतर
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|हिन्दी=किसी कर्म का वह परिणाम/फल जो स्पष्ट दिखायी देता है या मिलता है। दार्शनिक मत से, किसी काम या बात का वह फल जो स्पष्ट रूप से दिखाई देता या प्राप्त होता हो। | |हिन्दी=किसी कर्म का वह परिणाम/फल जो स्पष्ट दिखायी देता है या मिलता है। दार्शनिक मत से, किसी काम या बात का वह फल जो स्पष्ट रूप से दिखाई देता या प्राप्त होता हो। | ||
|व्याकरण=पुंलिंग,(कर्मवाचक संज्ञा) | |व्याकरण=पुंलिंग,(कर्मवाचक संज्ञा) | ||
− | |उदाहरण=अध्ययन करने से हमें जो ज्ञान होता है, वह अध्ययन का दृष्ट-फल | + | |उदाहरण=अध्ययन करने से हमें जो ज्ञान होता है, वह अध्ययन का दृष्ट-फल है, परमात्मा की पूजा करने से मन को शांति मिलना पूजा का दृष्ट फल है, स्वर्ग आदि मिलना अदृष्ट फल है। |
− | |विशेष=यदि कहा जाय कि अमुक ग्रंथ का पाठ करने से स्वर्ग मिलेगा, तो यह उसका अदृष्ट-फल माना | + | |विशेष=यदि कहा जाय कि अमुक ग्रंथ का पाठ करने से स्वर्ग मिलेगा, तो यह उसका अदृष्ट-फल माना जायेगा। |
|पर्यायवाची= | |पर्यायवाची= | ||
|संस्कृत= | |संस्कृत= |
10:25, 7 जनवरी 2011 का अवतरण
हिन्दी | किसी कर्म का वह परिणाम/फल जो स्पष्ट दिखायी देता है या मिलता है। दार्शनिक मत से, किसी काम या बात का वह फल जो स्पष्ट रूप से दिखाई देता या प्राप्त होता हो। |
-व्याकरण | पुंलिंग,(कर्मवाचक संज्ञा) |
-उदाहरण | अध्ययन करने से हमें जो ज्ञान होता है, वह अध्ययन का दृष्ट-फल है, परमात्मा की पूजा करने से मन को शांति मिलना पूजा का दृष्ट फल है, स्वर्ग आदि मिलना अदृष्ट फल है। |
-विशेष | यदि कहा जाय कि अमुक ग्रंथ का पाठ करने से स्वर्ग मिलेगा, तो यह उसका अदृष्ट-फल माना जायेगा। |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | |
संस्कृत | |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | दृष्ट, दृष्टकूट, दृष्ट दोष, |
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