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|अन्य विवरण=श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग [[गुजरात]] (सौराष्ट्र) के काठियावाड़ क्षेत्र के अन्तर्गत प्रभास में विराजमान हैं। इसी क्षेत्र में लीला पुरूषोत्तम भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्णचन्द्र]] ने [[यदु वंश]] का संहार कराने के बाद अपनी नर लीला समाप्त कर ली थीं। ‘जरा’ नामक व्याध (शिकारी) ने अपने बाणों से उनके चरणों (पैर) को बींध डाला था। [[शिव पुराण]] में भगवान सोमनाथ का परिचय दिया गया है।
 
|अन्य विवरण=श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग [[गुजरात]] (सौराष्ट्र) के काठियावाड़ क्षेत्र के अन्तर्गत प्रभास में विराजमान हैं। इसी क्षेत्र में लीला पुरूषोत्तम भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्णचन्द्र]] ने [[यदु वंश]] का संहार कराने के बाद अपनी नर लीला समाप्त कर ली थीं। ‘जरा’ नामक व्याध (शिकारी) ने अपने बाणों से उनके चरणों (पैर) को बींध डाला था। [[शिव पुराण]] में भगवान सोमनाथ का परिचय दिया गया है।
 
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चित्र जानकारी
विवरण (Description) सोमनाथ मन्दिर, गुजरात
Somnath Temple, Gujarat
चित्रांकन (Author) अनिरुद्ध
दिनांक (Date) वर्ष - 2010
प्रयोग अनुमति (Permission) © bharatdiscovery.org
अन्य विवरण श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात (सौराष्ट्र) के काठियावाड़ क्षेत्र के अन्तर्गत प्रभास में विराजमान हैं। इसी क्षेत्र में लीला पुरूषोत्तम भगवान श्रीकृष्णचन्द्र ने यदु वंश का संहार कराने के बाद अपनी नर लीला समाप्त कर ली थीं। ‘जरा’ नामक व्याध (शिकारी) ने अपने बाणों से उनके चरणों (पैर) को बींध डाला था। शिव पुराण में भगवान सोमनाथ का परिचय दिया गया है।




फ़ाइल का इतिहास

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