"अग्रमहिषी" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
*शक राजाओं के समय में पटरानी को अग्रमहिषी की उपाधि से विभूषित किया जाता था। | *शक राजाओं के समय में पटरानी को अग्रमहिषी की उपाधि से विभूषित किया जाता था। | ||
− | |||
==कौशल्या== | ==कौशल्या== | ||
{{मुख्य|कौशल्या}} | {{मुख्य|कौशल्या}} |
14:19, 13 जनवरी 2011 का अवतरण
- शक राजाओं के समय में पटरानी को अग्रमहिषी की उपाधि से विभूषित किया जाता था।
कौशल्या
मुख्य लेख : कौशल्या
कौशल्या दशरथ की अग्रमहिषी एवं राम जैसे आदर्श पुत्र की माता हैं। उनका सर्वप्रथम उल्लेख वाल्मीकि रामायण में पुत्र-प्रेम की आकांक्षिणी के रूप में मिलता है। वाल्मीकि की परम्परा में रचित काव्यों और नाटकों में कौशल्या सर्वत्र अग्रमहिषी के रूप ही चित्रित हैं, केवल आनन्द-रामायण में दशरथ एवं कौशल्या के विवाह का वर्णन विस्तार से हुआ है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ