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{[[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] कृत 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' की अधिकांश सामग्री पुस्तकाकार प्रकाशन के पूर्व 'हिन्दी शब्द- सागर' की भूमिका में छपी थी। इस भूमिका में उसका शीर्षक था?  
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{[[डोगरी भाषा]] मुख्य रूप से कहाँ बोली जाती है?
 
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|type="()"}
- [[हिन्दी]] साहित्य का उद्भव और विकास
+
-[[हिमाचल प्रदेश]]
+ हिन्दी साहित्य का विकास
+
+[[जम्मू और कश्मीर|जम्मू कश्मीर]]
- हिन्दी साहित्य का विकासात्मक इतिहास
+
-[[उत्तराखंड]]
- हिन्दी साहित्य की विकास यात्रा
+
-[[असम]]
 
+
||एक भारतीय राज्य, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पश्चिमी पर्वतश्रेणियों के निकट स्थित है। पहले यह भारत की बड़ी रियासतों में से एक था। यह पूर्वात्तर में सिंक्यांग का स्वायत्त क्षेत्र व तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र (दोनों चीन के भाग) से, दक्षिण में हिमाचल प्रदेश व [[पंजाब]] राज्यों से, पश्चिम में [[पाकिस्तान]] और पश्चिमोत्तर में पाकिस्तान अधिकृत भूभाग से घिरा है। जम्मू-कश्मीर राज्य के पश्चिम मध्य हिस्से के पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में देवसई पर्वत है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जम्मू और कश्मीर|जम्मू कश्मीर]]
{[[अवधी भाषा]] के सर्वाधिक लोकप्रिय महाकाव्य का नाम है?
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 +
{[[भारत]] के किस प्रान्त में [[कोंकणी भाषा]] बोली जाती है?
 
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-पद्मावत
+
-[[केरल]] तथा [[कर्नाटक]]
-मधुमालती
+
+[[महाराष्ट्र]] तथा [[गोवा]]
-मृगावती
+
-[[उड़ीसा]] तथा [[पश्चिम बंगाल]]
+[[रामचरितमानस]]
+
-[[आन्ध्र प्रदेश]] तथा [[उड़ीसा]]
|| [[चित्र:Tulsidas.jpg|right|100px|गोस्वामी तुलसीदास]] 'रामचरितमानस' [[तुलसीदास]] की सबसे प्रमुख कृति है। इसकी रचना संवत 1631 ई. की [[रामनवमी]] को [[अयोध्या]] में प्रारम्भ हुई थी किन्तु इसका कुछ अंश [[काशी]] (वाराणसी) में भी निर्मित हुआ था, यह इसके [[किष्किन्धा काण्ड वा. रा.|किष्किन्धा काण्ड]] के प्रारम्भ में आने वाले एक सोरठे से निकलती है, उसमें काशी सेवन का उल्लेख है। इसकी समाप्ति संवत 1633 ई. की मार्गशीर्ष, शुक्ल 5, रविवार को हुई थी किन्तु उक्त तिथि गणना से शुद्ध नहीं ठहरती, इसलिए विश्वसनीय नहीं कही जा सकती। यह रचना [[अवधी भाषा|अवधी बोली]] में लिखी गयी है। इसके मुख्य छन्द चौपाई और दोहा हैं, बीच-बीच में कुछ अन्य प्रकार के भी छन्दों का प्रयोग हुआ है। प्राय: 8 या अधिक अर्द्धलियों के बाद दोहा होता है और इन दोहों के साथ कड़वक संख्या दी गयी है। इस प्रकार के समस्त कड़वकों की संख्या 1074 है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रामचरितमानस]]
 
  
{"जिस कालखण्ड के भीतर किसी विशेष ढंग की रचनाओं की प्रचुरता दिखाई पड़ी है, वह एक अलग काल माना गया है और उसका नामकरण उन्हीं रचनाओं के अनुसार किया गया है" यह मान्यता किस इतिहासकार की है?
+
{[[आन्ध्र प्रदेश]] की राजकीय भाषा है?
 
|type="()"}
 
|type="()"}
- [[डॉ. श्यामसुन्दर दास]]
+
-[[तमिल भाषा|तमिल]]
+ [[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]]
+
+[[तेलुगु भाषा|तेलुगु]]
- [[डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी]]
+
-[[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]]
- [[रामविलास शर्मा|डॉ. रामविलास शर्मा]]
+
-[[उड़िया भाषा|उड़िया]]
  
 
{[[हजारी प्रसाद द्विवेदी|आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी]] के उस इतिहास ग्रंथ का नाम बतलाइए जिसमें मात्र आदिकालीन हिन्दी साहित्य सम्बन्धी सामग्री संग्रहीत है?
 
{[[हजारी प्रसाद द्विवेदी|आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी]] के उस इतिहास ग्रंथ का नाम बतलाइए जिसमें मात्र आदिकालीन हिन्दी साहित्य सम्बन्धी सामग्री संग्रहीत है?
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-[[नन्ददास]]
 
-[[नन्ददास]]
  
 
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{[[अमीर ख़ुसरो]] ने किसके विकास में अग्रणी भूमिका निभाई?
{आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने रीतिकाल को 'श्रृंगारकाल' नाम दिया, लेकिन उन्होंने इस पर जो ग्रंथ लिखा, उसका नाम 'हिन्दी का श्रृंगारकाल' नहीं है, बल्कि उसका नाम है?
 
 
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|type="()"}
-रीतिकाव्य की भूमिका
+
-[[ब्रज भाषा]]
-रीतिकाव्य की पृष्ठभूमि
+
-[[अवधी भाषा|अवधी]]
-रीतिकाव्य की प्रस्तावना
+
+खड़ी बोली
+हिन्दी साहित्य का अतीत, भाग -2
+
-भोजपुरी
  
{'भारत मित्र' पत्र (जो [[कलकत्ता]] से सन [[1934]] में प्रकाशित हुआ था) के एक सम्पादक थे?
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{[[त्रिपुरा]] की राजभाषा है?
 
|type="()"}
 
|type="()"}
-तोताराम
+
-[[हिन्दी]]
+रुद्रदत्त शर्मा
+
-नागा
-[[कन्हैयालाल नंदन|कन्हैयालाल]]
+
-[[संस्कृत भाषा|संस्कृत]]
-बल्देव प्रसाद
+
+[[बांग्ला भाषा|बांग्ला]]
  
 
{'हरिश्चन्द्री हिन्दी' शब्द का प्रयोग किस इतिहासकार ने अपने इतिहास ग्रंथ में किया है?
 
{'हरिश्चन्द्री हिन्दी' शब्द का प्रयोग किस इतिहासकार ने अपने इतिहास ग्रंथ में किया है?
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-निर्मल वर्मा
 
-निर्मल वर्मा
 
||[[चित्र:Premchand.jpg|80px|right|मुंशी प्रेमचंद]] [[भारत]] के उपन्यास सम्राट '''मुंशी प्रेमचंद''' (जन्म- [[31 जुलाई]], [[1880]] - मृत्यु- [[8 अक्टूबर]], [[1936]]) के युग का विस्तार सन 1880 से 1936 तक है। यह कालखण्ड [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में बहुत महत्त्व का है। इस युग में भारत का स्वतंत्रता-संग्राम नई मंज़िलों से गुज़रा। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[प्रेमचंद]]
 
||[[चित्र:Premchand.jpg|80px|right|मुंशी प्रेमचंद]] [[भारत]] के उपन्यास सम्राट '''मुंशी प्रेमचंद''' (जन्म- [[31 जुलाई]], [[1880]] - मृत्यु- [[8 अक्टूबर]], [[1936]]) के युग का विस्तार सन 1880 से 1936 तक है। यह कालखण्ड [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में बहुत महत्त्व का है। इस युग में भारत का स्वतंत्रता-संग्राम नई मंज़िलों से गुज़रा। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[प्रेमचंद]]
 
{'मेवाड़ की पन्ना' नामक धाय के अलौकिक त्याग का ऐतिहासिक वृत्त लेकर 'राजमुकुट' नाटक की रचना की गई थी, इस नाटक के लेखक का नाम है?
 
|type="()"}
 
-हरिकृष्ण प्रेमी
 
-लक्ष्मीनारायण मिश्र
 
-उदयशंकर भट्ट
 
+[[गोविंद बल्लभ पंत]]
 
||[[चित्र:Pandit-Govind-Ballabh-Pant.jpg|100px|right|गोविंद बल्लभ पंत]] गोविंद बल्लभ पंत प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी और [[उत्तर प्रदेश]] के प्रथम मुख्यमंत्री थे। गोविंद वल्लभ पंत जी अगस्त 15, 1947 - मई 27, 1964 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। अपने संकल्प और साहस के मशहूर पंत जी का जन्म वर्तमान [[उत्तराखंड]] राज्य के [[अल्मोड़ा ज़िला|अल्मोडा ज़िले]] के खूंट (धामस) नामक गाँव में हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[गोविंद बल्लभ पंत]]
 
 
{डॉ. कृष्ण शंकर शुक्ल ने आचार्य [[केशवदास]] पर एक समीक्षात्मक पुस्तक लिखी थी, उस पुस्तक का नाम है?
 
|type="()"}
 
-केशव का आचार्यत्व
 
-केशव की प्रतिभा
 
-केशव की कला
 
+केशव की काव्यकला
 
  
 
{'गंगावतरण' काव्य के रचयिता हैं?
 
{'गंगावतरण' काव्य के रचयिता हैं?
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+रहस्यवाद
 
+रहस्यवाद
 
-बिम्बवाद
 
-बिम्बवाद
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{[[गोवा]] की स्वीकृत राजभाषा है?
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+[[कोंकणी भाषा|कोंकणी]]
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-[[पुर्तग़ाली]]
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-[[मराठी भाषा|मराठी]]
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-[[गुजराती भाषा|गुजराती]]
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{'ध्रुव स्वामिनी' नाटक के रचयिता हैं?
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-राम कुमार वर्मा
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-रामवृक्ष बेनीपुरी
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+[[जयशंकर प्रसाद]]
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-[[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]]
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||[[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|जयशंकर प्रसाद|100px|right]] महाकवि जयशंकर प्रसाद हिन्दी नाट्य जगत और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयशंकर प्रसाद]]
  
 
{'परिवर्तन' नामक कविता सर्वप्रथम [[सुमित्रानन्दन पंत]] के किस कविता संग्रह में संगृहीत हुई है?
 
{'परिवर्तन' नामक कविता सर्वप्रथम [[सुमित्रानन्दन पंत]] के किस कविता संग्रह में संगृहीत हुई है?

06:14, 28 फ़रवरी 2011 का अवतरण

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Bulbgraph.png इस सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी में कुल 15 प्रश्न हैं। इसे हल करने के उपरांत पन्ने के नीचे की ओर "परिणाम देखें" पर क्लिक करें और उत्तरों का मिलान करें साथ ही अर्जित अंक भी देखें।

4 आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के उस इतिहास ग्रंथ का नाम बतलाइए जिसमें मात्र आदिकालीन हिन्दी साहित्य सम्बन्धी सामग्री संग्रहीत है?

हिन्दी साहित्य की भूमिका
हिन्दी साहित्य उद्भव और विकास
मध्यकालीन धर्मसाधना
हिन्दी साहित्य का आदिकाल

5 आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने किन दो प्रमुख तथ्यों को ध्यान में रखकर 'हिन्दी साहित्य के इतिहास' के काल खण्डों का नामकरण किया है?

ग्रंथों की प्रसिद्धि
ग्रंथों की प्रचुरता एवं ग्रंथों की प्रसिद्धि
ग्रंथों की उपलब्धता
रचनाकारों की संख्या

6 इनमें किस इतिहासकार ने सर्वप्रथम रीतिकालीन कवियों के सर्वाधिक परिचयात्मक विवरण दिए हैं?

डॉ. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
डॉ. नगेन्द्र
डॉ.रामशंकर शुक्ल 'रसाल'
मिश्रबन्धु

7 'हिन्दी साहित्य का अतीत: भाग- एक' के लेखक का नाम है?

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी
डॉ. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
डॉ. माताप्रसाद गुप्त
डॉ. विद्यानिवास मिश्र

8 प्रेम लक्षणा भक्ति को किस भक्ति शाखा ने अपनी साधना का मुख्य आधार बनाया है?

रामभक्ति शाखा
ज्ञानाश्रयी शाखा
कृष्णभक्ति शाखा
प्रेममार्गी शाखा

9 मनुष्यत्व की सामान्य भावना को आगे करके निम्न श्रेणी की जनता में आत्म- गौरव का भाव जगाने वाले सर्वश्रेष्ठ कवि थे?

तुलसीदास
कबीर
जायसी
सूरदास

10 'हंस जवाहिर' रचना किस सूफ़ी कवि द्वारा रची गई थी?

मंझन
कुतुबन
उसमान
क़ासिमशाह

11 'देखन जौ पाऊँ तौ पठाऊँ जमलोक हाथ, दूजौ न लगाऊँ, वार करौ एक करको।' ये पंक्तियाँ किस कवि द्वारा सृजित हैं?

हृदयराम
अग्रदास
तुलसीदास
नाभादास

12 'भक्तमाल' भक्तिकाल के कवियों की प्राथमिक जानकारी देता है, इसके रचयिता थे?

वल्लभाचार्य
नाभादास
रामानंद
नन्ददास

13 अमीर ख़ुसरो ने किसके विकास में अग्रणी भूमिका निभाई?

ब्रज भाषा
अवधी
खड़ी बोली
भोजपुरी

14 त्रिपुरा की राजभाषा है?

हिन्दी
नागा
संस्कृत
बांग्ला

15 'हरिश्चन्द्री हिन्दी' शब्द का प्रयोग किस इतिहासकार ने अपने इतिहास ग्रंथ में किया है?

मिश्रबंधु
शिवसिंह 'सेंगर'
रामचन्द्र शुक्ल
रामविलास शर्मा

16 'गिला' कहानी के लेखक का नाम है?

प्रेमचन्द्र
यशपाल
अज्ञेय
निर्मल वर्मा

17 'गंगावतरण' काव्य के रचयिता हैं?

अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
जगन्नाथदास 'रत्नाकर
श्रीधर पाठक
रामनरेश त्रिपाठी

18 छायावादी कवियों ने जब आध्यात्मिक प्रेम को अपनी कविताओं में व्यक्त किया तो ऐसी कविताओं को किस वाद के अंतर्गत रखा गया है?

छायावाद
प्रतीकवाद
रहस्यवाद
बिम्बवाद

19 गोवा की स्वीकृत राजभाषा है?

कोंकणी
पुर्तग़ाली
मराठी
गुजराती

20 'ध्रुव स्वामिनी' नाटक के रचयिता हैं?

राम कुमार वर्मा
रामवृक्ष बेनीपुरी
जयशंकर प्रसाद
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

21 'परिवर्तन' नामक कविता सर्वप्रथम सुमित्रानन्दन पंत के किस कविता संग्रह में संगृहीत हुई है?

वीणा
पल्लव
तारापथ
ग्रंथि

22 भिखारीदास की रचना का नाम है?

काव्य निर्णय
काव्य विवेक
भाव विलास
नवरस तरंग

23 उन्नीसवीं सदी की साहित्य- सर्जना का मूल हेतु है?

ईसाई विरोध
मुस्लिम विरोध
पराधीनता का बोध
परमाणु परीक्षण

24 'यह प्रेम को पंथ कराल महा तरवारि की धार पै धावनो है', नामक पंक्ति किस कवि द्वारा सृजित है?

घनानंद
बोधा
आलम
ठाकुर

25 आचार्य केशवदास को 'कठिन काव्य का प्रेत' किस आलोचक ने कहा है?

आचार्य पद्मसिंह शर्मा
आचार्य नंददुलारे वाजपेयी
आचार्य विश्वनाथप्रसाद मिश्र
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल

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