"चन्द्रकेतुगढ़" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
*मौर्यकालीन बस्तियों में पानी के लिए खप्परों की बनी नालियों का प्रबंध था।  
 
*मौर्यकालीन बस्तियों में पानी के लिए खप्परों की बनी नालियों का प्रबंध था।  
 
*यह प्राचीन नगर मिट्टी के प्राकारों से घिरा था, कुछ ऐसे प्रमाण भी इस स्थान से प्राप्त हुए हैं।                                                     
 
*यह प्राचीन नगर मिट्टी के प्राकारों से घिरा था, कुछ ऐसे प्रमाण भी इस स्थान से प्राप्त हुए हैं।                                                     
 
 
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}
 
{{लेख प्रगति
 
{{लेख प्रगति
पंक्ति 17: पंक्ति 15:
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
[[Category:नया पन्ना]]
+
==संबंधित लेख==
 +
{{पश्चिम बंगाल के पर्यटन स्थल}}
 +
[[Category:पश्चिम बंगाल]]
 +
[[Category:पश्चिम बंगाल के ऐतिहासिक स्थान]]
 +
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

10:49, 7 मार्च 2011 का अवतरण

  • पश्चिम बंगाल में कलकत्ता से 24 मील दूर ताम्रलिप्ति से उत्तर-पूर्व में स्थित चन्द्रकेतुगढ़ एक प्राचीन स्थल है।
  • कलकत्ता विश्वविद्यालय द्वारा की गयी खुदाई में इस स्थान से मौर्य-शुंग काल से लेकर उत्तर गुप्तकाल तक की सभ्यताओं के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
  • सबसे प्राचीन युग में कच्चे मकानों के अवशेष सबसे निचले स्तर में मिले हैं।
  • ये लकड़ी, बाँस आदि के बने हुए थे। इन मकानों का अग्निकाण्ड में नष्ट होने के संकेत मिलते हैं।
  • मौर्यकालीन बस्तियों में पानी के लिए खप्परों की बनी नालियों का प्रबंध था।
  • यह प्राचीन नगर मिट्टी के प्राकारों से घिरा था, कुछ ऐसे प्रमाण भी इस स्थान से प्राप्त हुए हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख