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  • तोरमाण हूणों का एक प्रसिद्ध नेता था।
  • इसने 500 ई. के लगभग मालवा पर अधिकार कर लिया था।
  • तोरमाण ने 'महाराजाधिराज' की उपाधि धारण की थी।
  • भारत के काफ़ी बड़े क्षेत्रफल पर उसने अपनी विजय पताकाएँ फहराई थीं।
  • उसका प्रभुत्व सम्भवत: मध्य प्रदेश, नमक की पहाड़ियों तथा मध्य भारत तक व्याप्त था।
  • बहुत बड़ी संख्या में तोरमाण के चाँदी के सिक्के बरामद हुए हैं।
  • तोरमाण का सुप्रसिद्ध पुत्र मिहिरकुल अथवा मिहिरगुल लगभग 502 ई. में उसका उत्तराधिकारी बना था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 192।