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*20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में खनन व विनिर्माण में में उल्लेखनीय उपलब्धि के बाबजूद बिहार प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में सबसे आखिर में है और राज्य की लगभग आधी आबादी प्रशासनिक तौर पर गरीबी रेखा के नीचे है।  
 
*20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में खनन व विनिर्माण में में उल्लेखनीय उपलब्धि के बाबजूद बिहार प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में सबसे आखिर में है और राज्य की लगभग आधी आबादी प्रशासनिक तौर पर गरीबी रेखा के नीचे है।  
 
*[[झारखंड]] के गठन के साथ ही इसकी मुसीबतें बढ़ीं हैं और इसे [[खनिज]] संपदा के विशाल भंडार से वंचित होना पड़ा।  
 
*[[झारखंड]] के गठन के साथ ही इसकी मुसीबतें बढ़ीं हैं और इसे [[खनिज]] संपदा के विशाल भंडार से वंचित होना पड़ा।  

11:23, 7 जून 2011 का अवतरण

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  • अर्थव्यवस्था के अनुसार बिहार की लगभग 75 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न है।
  • 20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में खनन व विनिर्माण में में उल्लेखनीय उपलब्धि के बाबजूद बिहार प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में सबसे आखिर में है और राज्य की लगभग आधी आबादी प्रशासनिक तौर पर गरीबी रेखा के नीचे है।
  • झारखंड के गठन के साथ ही इसकी मुसीबतें बढ़ीं हैं और इसे खनिज संपदा के विशाल भंडार से वंचित होना पड़ा।
  • निम्नतम प्रति व्यक्ति आय व अत्यधिक सघन जनसंख्या वाले बिहार की अर्थव्यवस्था पिछड़ती जा रही है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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