"बिहार की अर्थव्यवस्था" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
शिल्पी गोयल (चर्चा | योगदान) ('{{पुनरीक्षण}}*अर्थव्यवस्था के अनुसार बिहार की लगभग 75...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
शिल्पी गोयल (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | {{पुनरीक्षण}}*अर्थव्यवस्था के अनुसार [[बिहार]] की लगभग 75 प्रतिशत जनसंख्या [[कृषि]] कार्य में संलग्न है। | + | {{पुनरीक्षण}} |
+ | *अर्थव्यवस्था के अनुसार [[बिहार]] की लगभग 75 प्रतिशत जनसंख्या [[कृषि]] कार्य में संलग्न है। | ||
*20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में खनन व विनिर्माण में में उल्लेखनीय उपलब्धि के बाबजूद बिहार प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में सबसे आखिर में है और राज्य की लगभग आधी आबादी प्रशासनिक तौर पर गरीबी रेखा के नीचे है। | *20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में खनन व विनिर्माण में में उल्लेखनीय उपलब्धि के बाबजूद बिहार प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में सबसे आखिर में है और राज्य की लगभग आधी आबादी प्रशासनिक तौर पर गरीबी रेखा के नीचे है। | ||
*[[झारखंड]] के गठन के साथ ही इसकी मुसीबतें बढ़ीं हैं और इसे [[खनिज]] संपदा के विशाल भंडार से वंचित होना पड़ा। | *[[झारखंड]] के गठन के साथ ही इसकी मुसीबतें बढ़ीं हैं और इसे [[खनिज]] संपदा के विशाल भंडार से वंचित होना पड़ा। |
11:23, 7 जून 2011 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
- अर्थव्यवस्था के अनुसार बिहार की लगभग 75 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न है।
- 20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में खनन व विनिर्माण में में उल्लेखनीय उपलब्धि के बाबजूद बिहार प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में सबसे आखिर में है और राज्य की लगभग आधी आबादी प्रशासनिक तौर पर गरीबी रेखा के नीचे है।
- झारखंड के गठन के साथ ही इसकी मुसीबतें बढ़ीं हैं और इसे खनिज संपदा के विशाल भंडार से वंचित होना पड़ा।
- निम्नतम प्रति व्यक्ति आय व अत्यधिक सघन जनसंख्या वाले बिहार की अर्थव्यवस्था पिछड़ती जा रही है।
|
|
|
|
|