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||[[चित्र:Kabirdas-2.jpg|कबीरदास|100px|right]]कबीरदास के समस्त विचारों में राम-नाम की महिमा प्रतिध्वनित होती है। वे एक ही ईश्वर को मानते थे और कर्मकाण्ड के घोर विरोधी थे। अवतार, मूर्त्ति, रोज़ा, [[ईद]], मस्जिद, मंदिर आदि को वे नहीं मानते थे। कबीर के नाम से मिले ग्रंथों की संख्या भिन्न-भिन्न लेखों के अनुसार भिन्न-भिन्न है। कबीर की वाणी का संग्रह `बीजक' के नाम से प्रसिद्ध है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कबीर]] | ||[[चित्र:Kabirdas-2.jpg|कबीरदास|100px|right]]कबीरदास के समस्त विचारों में राम-नाम की महिमा प्रतिध्वनित होती है। वे एक ही ईश्वर को मानते थे और कर्मकाण्ड के घोर विरोधी थे। अवतार, मूर्त्ति, रोज़ा, [[ईद]], मस्जिद, मंदिर आदि को वे नहीं मानते थे। कबीर के नाम से मिले ग्रंथों की संख्या भिन्न-भिन्न लेखों के अनुसार भिन्न-भिन्न है। कबीर की वाणी का संग्रह `बीजक' के नाम से प्रसिद्ध है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कबीर]] | ||
− | {आलसियों का मूंल- '[[अजगर करे | + | {आलसियों का मूंल- '[[अजगर करे ना चाकरी]] पछी करे न काम का रचयिता है- |
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-दादू दयाल | -दादू दयाल | ||
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+[[कश्मीर]] की | +[[कश्मीर]] की | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | ||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|कश्मीर की घाटी|100px|right]][[किंवदंती]] है कि महर्षि [[कश्यप]] [[श्रीनगर]] से तीन मील दूर हरि-पर्वत पर रहते थे। जहाँ आजकल कश्मीर की घाटी है, वहाँ अति प्राचीन प्रागैतिहासिक काल में एक बहुत बड़ी [[झील]] थी जिसके पानी को निकाल कर महर्षि कश्यप ने इस स्थान को मनुष्यों के बसने योग्य बनाया था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कश्मीर]] | ||
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− | {'अनवार-ए-सुहैली' ग्रंथ किसका अनुवाद है? | + | {'अनवार-ए-सुहैली' ग्रंथ किसका अनुवाद है? |
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-[[महाभारत]] | -[[महाभारत]] | ||
-[[रामायण]] | -[[रामायण]] | ||
-[[सूरसागर]] | -[[सूरसागर]] | ||
− | + | + | +पंचतत्र |
{निम्न में किस शासक का काल 'संगमरमर का काल' कहलाता है? | {निम्न में किस शासक का काल 'संगमरमर का काल' कहलाता है? | ||
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+[[शाहजहाँ]] | +[[शाहजहाँ]] | ||
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+ | ||[[चित्र:Shahjahan.jpg|शाहजहाँ|100px|right]]'''शाहजहाँ''' का जन्म [[जोधपुर]] के शासक राजा उदयसिंह की पुत्री 'जगत गोसाई' (जोधाबाई) के गर्भ से [[5 जनवरी]], 1592 ई. को [[लाहौर]] में हुआ था। उसका बचपन का नाम ख़ुर्रम था। ख़ुर्रम [[जहाँगीर]] का छोटा पुत्र था, जो छल−बल से अपने पिता का उत्तराधिकारी हुआ था। वह बड़ा कुशाग्र बुद्धि, साहसी और शौक़ीन बादशाह था। वह बड़ा कला प्रेमी, विशेषकर स्थापत्य कला का प्रेमी था। उसका विवाह 20 वर्ष की आयु में [[नूरजहाँ]] के भाई [[आसफ़ ख़ाँ (गियासबेग़ पुत्र)|आसफ़ ख़ाँ]] की पुत्री 'आरज़ुमन्द बानो' से सन 1611 में हुआ था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]] | ||
− | + | {शिवाजी का राज्यभिषेक कहाँ हुआ था? | |
− | {शिवाजी का राज्यभिषेक कहाँ हुआ था? | ||
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− | + | + | +रायगढ़ |
− | - | + | -कालानौर |
− | -[[रायचूर]] | + | -[[रायचूर कर्नाटक|रायचूर]] |
-[[आगरा]] | -[[आगरा]] | ||
{[[ग्वालियर]] राज्य की स्थापना किसने की थी? | {[[ग्वालियर]] राज्य की स्थापना किसने की थी? | ||
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− | + | -[[माधव राव सिंधिया]] | |
− | - | + | -बाजीराव सिंधिया |
− | -महादजी सिंधिया | + | -[[महादजी सिंधिया]] |
+जीवाजीराव सिंधिया | +जीवाजीराव सिंधिया | ||
− | {[[भारत]] में ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला गवर्नर-जनरल कौन था? | + | {[[भारत]] में [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] का पहला गवर्नर-जनरल कौन था? |
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− | - | + | -राबर्ट क्लाइव |
− | - | + | -सर जान शोर |
− | - | + | -लार्ड मर्क्विज ऑफ़ हेस्टिंग्स |
+[[वारेन हेस्टिंग्स]] | +[[वारेन हेस्टिंग्स]] | ||
+ | ||1750 ई. में वारेन हेस्टिंग्स कम्पनी के एक क्लर्क के रूप में [[कलकत्ता]] पहुँचा और अपनी कार्यकुशलता के कारण शीघ्र ही वह [[कासिम बाज़ार]] का अध्यक्ष बन गया। 1772 ई. में इसे [[बंगाल]] का गवर्नर बनाया गया। 1773 ई. के 'रेग्युलेटिंग एक्ट' के द्वारा उसे 1774 ई. में '''बंगाल का गवर्नर जनरल''' नियुक्त किया गया। अपने प्रशासनिक सुधार के अन्तर्गत हेस्टिंग्स ने सर्वप्रथम 1772 ई. में 'कोर्ट ऑफ़ डाइरेक्टर्स' के आदेशानुसार बंगाल से द्वैध शासन की समाप्ति की घोषणा की और सरकारी खजाने का स्थानान्तरण [[मुर्शिदाबाद]] से कलकत्ता किया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वारेन हेस्टिंग्स]] | ||
{[[भारत]] के समुद्री मार्ग की खोज किसने की? | {[[भारत]] के समुद्री मार्ग की खोज किसने की? | ||
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− | -[[ | + | -कोलंबस |
− | -[[ | + | -मैंगल्स |
− | + | -टॉमस मूर | |
− | + | +[[वास्को द गामा]] | |
+ | ||[[चित्र:Vasco-da-gama.jpg|वास्को द गामा|100px|right]]वास्को द गामा एक [[पुर्तग़ाली]] नाविक थे। वास्को द गामा के द्वारा की गई [[भारत]] यात्राओं ने पश्चिमी यूरोप से [[केप ऑफ़ गुड होप]] होकर पूर्व के लिए समुद्री मार्ग खोल दिए थे। इन्होंने विश्व [[इतिहास]] के एक नए युग की शुरूआत की थी। यह यूरोपीय खोज युग के सबसे सफल खोजकर्ताओं में से एक, और [[यूरोप]] से भारत सीधी यात्रा करने वाले जहाज़ों का कमांडर थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वास्को द गामा]] | ||
{बड़ा इमामबाड़ा कहाँ स्थित है? | {बड़ा इमामबाड़ा कहाँ स्थित है? | ||
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-[[पटना]] | -[[पटना]] | ||
-[[इलाहाबाद]] | -[[इलाहाबाद]] | ||
− | + | ||[[चित्र:Clock-Tower-Lucknow.jpg|घंटाघर, लखनऊ|100px|right]]लखनऊ नगर [[भारत]] गणराज्य के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य [[उत्तर प्रदेश]] की राजधानी है। लखनऊ नगर [[गोमती नदी]] के किनारे पर बसा हुआ है। लखनऊ नगर में, लखनऊ ज़िला और लखनऊ मंडल का प्रशासनिक मुख्यालय है। लखनऊ नगर अपनी ख़ास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसंस्कृति, आम के बाग़ों और चिकन की कढ़ाई, नामचीन कत्थक नृत्य कला का जन्मस्थल, बेगम अख्त्तर की ग़ज़लों का सरूर लिए 'पहले आप' की तहज़ीबो अदब और शाम-ए-अवध के लिए जाने जाना वाला नवाबी तबियत का पूरी दुनिया में एक ही शहर है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लखनऊ] | |
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13:28, 12 जून 2011 का अवतरण
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